Mahayuti alliance split:अहिल्यानगर में महायुति की फूट (सोर्सः सोशल मीडिया)
Ahilyanagar Municipal Elections: महायुति में फूट और सीट बंटवारे को लेकर मची अफरातफरी के चलते कई नेताओं और कार्यकर्ताओं ने पार्टी बदलकर नामांकन दाखिल कर दिया। इस घटनाक्रम के कारण बीजेपी और उभाठा (उद्धव ठाकरे गुट) के बीच बड़ी अनबन सामने आई है। नामांकन दाखिल करने का आखिरी दिन एक पार्टी से दूसरी पार्टी में जाने का टर्निंग पॉइंट साबित हुआ।
आखिरी दिन चुनाव कार्यालय में मेले जैसा माहौल नजर आया। भारी भीड़ के कारण यह समझ पाना मुश्किल हो गया कि अंदर क्या चल रहा है। महायुति में सीटों के बंटवारे को लेकर पिछले आठ दिनों से लगातार बैठकें चल रही थीं, लेकिन कुछ सीटों पर सहमति न बनने के कारण शिवसेना ने ऐन वक्त पर महायुति से दूरी बना ली।
बीजेपी और एनसीपी के बीच गठबंधन तय होने के बाद जिन नेताओं को टिकट नहीं मिला, उन्होंने पार्टी बदलने का रास्ता अपनाया। वार्ड क्रमांक 3 से शिंदे शिवसेना की ओर से बीजेपी के नितिन शेलार, संगीता खरमाले और स्वप्नजा वाखुरे ने नामांकन दाखिल किया। शिवसेना शहर प्रमुख सचिन जाधव ने वार्ड 10 और वार्ड 5 से नामांकन भरा, जबकि उनकी पत्नी अश्विनी जाधव ने वार्ड 10 से नामांकन दाखिल किया।
नगर निगम चुनाव में कुल 788 उम्मीदवारों ने अपने नामांकन पत्र दाखिल किए हैं। नेशनलिस्ट ओबीसी सेल के सिटी प्रेसिडेंट अमित खामकर ने शिंदे शिवसेना की ओर से वार्ड 6 से नामांकन दाखिल किया। बीजेपी के नरेंद्र कुलकर्णी ने शिंदे शिवसेना की तरफ से वार्ड 11 से, निर्मला कैलाश गिरवाले ने वार्ड 13 से और गौरी गणेश नन्नावरे ने वार्ड 17 से नामांकन भरा। वहीं, नेशनलिस्ट यूथ कांग्रेस के वर्किंग प्रेसिडेंट केतन क्षीरसागर ने उद्धव ठाकरे गुट की शिवसेना की ओर से नामांकन दाखिल किया।
अहिल्यानगर के पहले मेयर भगवान फुलसौंदर ने उबाठा पार्टी की खुलेआम तारीफ की और इसे एनसीपी (अजित पवार गुट) के करीब बताया। उन्होंने और उनकी पत्नी सुनीता फुलसौंदर ने एनसीपी की ओर से नामांकन पत्र दाखिल किया।
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बीजेपी के सावेड़ी डिवीजन के मंडल अध्यक्ष सीए ज्ञानेश्वर काले ने अपनी पत्नी मनीषा के लिए टिकट की मांग की थी। टिकट न मिलने पर उन्होंने शिंदे शिवसेना से अपनी पत्नी का नामांकन भर दिया, जिससे राजनीतिक गलियारों में चर्चा तेज हो गई।
उभाठा युवा सेना के पदाधिकारी विक्रम राठौड़ के पार्टी छोड़ने के बाद अब उबाठा के जिला उपप्रमुख गिरीश जाधव ने भी इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने एनसीपी (शरद पवार गुट) से नामांकन दाखिल किया। हालांकि, चर्चा है कि महाविकास अघाड़ी के तहत अंतिम समय में कोई समझौता हो सकता है।