मुंबई: देश को आजाद हुए 75 साल हो गए हैं, लेकिन मुंबई (Mumbai) में 177 वर्ष पहले ब्रिटिश शासनकाल में किए गए कुछ ऐसे निर्माण मिल रहे हैं। जिनका किसी को पता ही नहीं था। मुंबई के जेजे अस्पताल (JJ Hospital) में डीएम पेटिट नाम की इमारत में 177 वर्ष पूर्व बनाई गई सुरंग (Tunnel) मिली है। अस्पताल परिसर में सुरंग मिलने से लोगों की दिलचस्पी बढ़ गई है।
बुधवार को क्षेत्र का निरीक्षण करने के दौरान निवासी चिकित्सा अधिकारी को एक संदिग्ध ढक्कन मिला। ढक्कन हटाते ही लगा कि उसमें कुछ खोखलापन है। जब सुरक्षा गार्डों को बुला कर उस जगह का मुआयना किया गया तो पता चला कि वहां सुरंग है। इस सुरंग की लंबाई लगभग 200 मीटर है। जेजे अस्पताल प्रशासन ने सुरंग मिलने की सूचना पुरातत्व विभाग और जिलाधिकारी को दिया। पुरातत्व विभाग अब सुरंग की जांच कर रहा है।
जेजे अस्पताल ने जानकारी दी है कि यह सुरंग डिलीवरी वार्ड से लेकर बच्चों के वार्ड तक है। सर जेजे अस्पताल वास्तुकला ब्रिटिश काल की है। वहां सुरंग मिलने से अब अस्पताल कर्मियों में सुरंग देखने की उत्सुकता जगी है।
ऐसा पहली बार नहीं है जब मुंबई में इस तरह की सुरंग मिली है। कुछ साल पहले सेंट जॉर्ज अस्पताल के इलाके में अंडर ग्राउंड सुरंग मिली थी। मुंबई में बनाए गए किला, जीपीओ, मलबार हिल स्थित राजभवन में दो साल पहले ही ऐसी ही सुरंग मिली थी। अब जे जे अस्पताल में सुरंग पाई गई है।
सर जमशेदजी जीजीभोय अस्पताल का निर्माण 177 वर्ष पहले 1838 में किया गया था। ब्रिटिश अधिकारी सर रॉबर्ट ग्रांट ने इसमें सहयोग किया था। ब्रिटिश काल में बनाए गए वास्तु को अब भारतीय पुरातत्व विभाग सहेज रहा है।
ब्रिटिश काल में जब अंग्रेज कोलकाता से मुंबई आए तब उस समय अंग्रेज गवर्नर के पास रहने के लिए कोई जगह नहीं थी। मालाबार हिल में गवर्नर हाउस बनता उससे पहले वर्तमान में जेजे अस्पताल की इमारत का निर्माण किया गया था। जेजे अस्पताल में ही ब्रिटिश गवर्नर रहते थे। मलबार हिल अस्पताल का निर्माण होने के बाद इस जगह को अस्पताल के तौर पर दे दिया गया। हालांकि उसके बाद जीटी अस्पताल का निर्माण किया गया।
[blockquote content=”ब्रिटिशकालीन इमारतों में सुरंग का निर्माण उस समय बनाया जाना कोई आश्चर्यजनक नहीं था। दरअसल ब्रिटिश शासन में गवर्नर हाउस पर होने वाले किसी तरह के हमले से बचने के लिए सुरंग बनाई जाती थी। उस समय यातायात के साधन नहीं होते थे। अंग्रेज समुद्री यातायात साधन का उपयोग करते थे। यहां सुरंग का मिलना साबित करता है कि यह गवर्नर पर किसी संकट के समय समुद्र की तरफ सुरक्षित निकासी के लिए ही मार्ग तैयार किया गया होगा। ” pic=”” name=”-विजय खबाले पाटिल, पूर्व जनसंपर्क अधिकारी, बीएमसी”]