सोफिया कुरैशी, विजय शाह (फोटो-सोशल मीडिया)
नई दिल्लीः कर्नल सोफिया कुरैशी पर टिप्पणी करने वाले मध्य प्रदेश के मंत्री विजय शाह की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं। सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई कर रही जस्टिस जेजे सूर्यकांत और जस्टिस दीपांकर दत्ता की बेंच ने मामला हाईकोर्ट से ले लिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा हाईकोर्ट से हमारी रिक्वेस्ट है कि मामले की सुनवाई साथ-साथ न करें।
सुनवाई के दौरान जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि SIT ने 21 मई को जांच की। वो बयान देने वाली जगह गई थी। मोबाइल समेत कुछ सबूत भी एकत्रित किए। उनकी टिप्पणी के दौरान मौके पर मौजूद गवाहों के बयान लिए गए। जांच अभी शुरुआती चरण में है। SIT ने अपनी जांच रिपोर्ट सौंप दी है, लेकिन कुछ और समय मांगा है। मामले की अगली सुनवाई जुलाई के पहले सप्ताह में होगी।
मंत्री शाह से नहीं की गई पूछताछ
कर्नल सोफिया पर विवादित टिप्पणी मामले की जांच पुलिस महमके तीन बड़े अधिकारी कर रहे हैं। इसका गठन 19 मई को सुप्रीम कोर्ट के आदेश बाद हुआ था। जांच टीम में आईजी प्रमोद वर्मा, डीआईजी कल्याण चक्रवर्ती और एसपी वाहिनी सिंह शामिल हैं। हैरान करने वाली बात है कि जिस विवादित टिप्पणी का वीडियो इतना वायरल हो रहा है। उनकी जांच कर रही पुलिस के आला अधिकारियों की टीम अभी तक मंत्री विजय शाह तक नहीं पहुंच पाई है। यानी उनसे पूछताछ ही नहीं हुई है।
‘ओपन-शट केस है’
कानून के जानकारों का मानना है कि यह ओपेन-शट केश हैं। इसको लेकर दो तर्क दिए जा रहे हैं। पहला यह की मामला जनसभा का है, जिसके कई गवाह हैं। साथ ही वीडियो भी है। इसके अलावा मंत्री विजय शाह अपनी विवादित टिप्पणी को लेकर खुद तीन बार माफी मांग चुके हैं। इससे साबित होता है कि उन्होंने खुद मान लिया है कि उनका बयान विवादास्पद था।
हाईकोर्ट के आदेश पर FIR हुई
मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने 14 मई को शाह के बयान पर नोटिस लेते हुए FIR दर्ज करने का आदेश दिया था। कोर्ट के आदेश पर उनके खिलाफ इंदौर के मानपुर थाने में FIR दर्ज की गई थी। इसके खिलाफ शाह सुप्रीम कोर्ट पहुंचे हैं। सूत्रों के मुताबिक, SIT की रिपोर्ट की कॉपी इस केस के सुप्रीम कोर्ट में इंटर विनर व कांग्रेस नेता जय ठाकुर के वकीलों को उपलब्ध नहीं कराई गई है। वकील इस पर आपत्ति दर्ज कराएंगे।