पुलिसकर्मी सस्पेंड, सोर्स - सोशल मीडिया
भोपाल: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में पुलिस और साइबर अपराधियों के गठजोड़ का बड़ा खुलासा हुआ है। एक ही थाने के आठ पुलिसकर्मियों को साइबर ठगों और सटोरियों से सांठ-गांठ के आरोप में निलंबित कर दिया गया है। इन पर रिश्वत लेकर अपराधियों को बचाने और फिर कार्रवाई करने का भी आरोप है। मामले में निलंबित एएसआई पवन रघुवंशी के घर छापेमारी में लाखों रुपये की नगदी और साइबर ठगी में इस्तेमाल हुए इलेक्ट्रॉनिक सामान बरामद हुआ है। इस घटना से पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया है, और भोपाल पुलिस कमिश्नर ने तुरंत कार्रवाई करते हुए सभी आरोपी पुलिसकर्मियों को लाइन अटैच कर दिया है।
एएसआई पवन रघुवंशी के घर जब पुलिस ने छापा मारा, तो वहां से 5 लाख रुपये नकद बरामद हुए, जो साइबर ठगों से मिलीभगत कर इकट्ठा किए गए थे। इसके अलावा, उनके पास से एक लैपटॉप भी मिला, जिसका इस्तेमाल ऑनलाइन ठगी में किया जाता था। जांच में सामने आया है कि आरोपी पुलिसकर्मी सटोरियों और साइबर अपराधियों से रिश्वत लेते थे और फिर उन्हीं पर कार्रवाई भी करते थे। इसी बात को लेकर सटोरियों की पत्नियों ने थाने के बाहर प्रदर्शन किया और पुलिस पर दोहरी नीति अपनाने का आरोप लगाया।
इस मामले में एक और वीडियो सामने आया है, जिसमें सटोरियों की पत्नियां थाने के बाहर हंगामा करती नजर आ रही हैं। वे पुलिसकर्मियों पर रिश्वत लेने और फिर उनके पतियों पर कार्रवाई करने का आरोप लगा रही थीं। वीडियो में देखा गया कि आरोपी पुलिसकर्मी सिर झुकाए खड़े थे और कोई जवाब नहीं दे रहे थे। इससे पहले कि मामला और बढ़ता, भोपाल पुलिस कमिश्नर ने आठों पुलिसकर्मियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया।
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पुलिस कमिश्नर ने टीआई राजेंद्र गढ़वाल सहित आठ पुलिसकर्मियों को साइबर अपराधियों और सटोरियों से मिलीभगत के आरोप में निलंबित कर दिया है। इनमें एएसआई, एसआई और आरक्षक स्तर के अधिकारी शामिल हैं। वहीं, एएसआई पवन रघुवंशी को गिरफ्तार कर लिया गया है। इस घटना के बाद भोपाल पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया है और मामले की जांच तेज कर दी गई है।