ऑपरेशन सिंदूर को अपने पाठ्यक्रम में शामिल किया जाए
भोपाल: भारतीय सेना के शौर्य की हालिया सैन्य सफलता ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर अब मध्य प्रदेश में एक नई मांग ने जोर पकड़ रही है। राज्य के कई नेताओं का कहना है कि इस ऑपरेशन सिंदूर के बारे में जानकारी को स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल करने की वकालत की है। नेताओं का कहना है कि इस सैन्य ऑपरेशन को पढ़ाने से बच्चों को देशभक्ति, सैन्य पराक्रम और राष्ट्रीय सुरक्षा के महत्व की जानकारी मिलेगी। खास बात यह है कि यह मांग केवल एक राजनीतिक दल तक सीमित नहीं रही, बल्कि भाजपा और कांग्रेस दोनों के नेताओं ने एक सुर में इसे स्कूलों में पढ़ाए जाने की जरूरत बताई है।
इस मांग को बल तब और मिल गया जब उत्तराखंड मदरसा बोर्ड ने पहले ही ऑपरेशन सिंदूर को अपने पाठ्यक्रम में शामिल करने का निर्णय ले लिया। इसके बाद मध्य प्रदेश में भी यह मुद्दा तेजी से उठाया गया है। सांसद आलोक शर्मा और विधायक रामेश्वर शर्मा ने कहा कि जब देश में सिंदूर विजय उत्सव मनाया जा रहा है और तिरंगा यात्राएं निकाली जा रही हैं, तब यह और जरूरी हो जाता है कि आने वाली पीढ़ी इस ऐतिहासिक विजय से परिचित हो।
सभी दलों ने दिखाई एकजुटता
मध्य प्रदेश में इस मुद्दे पर राजनीतिक दलों ने दलगत राजनीति से ऊपर उठकर एकजुटता दिखाई है। भोपाल से भाजपा सांसद आलोक शर्मा ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत है और इसे स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल करना जरूरी है। भाजपा विधायक रामेश्वर शर्मा ने इसे भारतीय सेना की अद्वितीय विजय बताते हुए कहा कि यह जानना अगली पीढ़ी का अधिकार है कि कैसे भारतीय सेना ने चंद मिनटों में आतंकियों के ठिकानों को खत्म कर दिया।
कांग्रेस नेता ने भी किया समर्थन
भोपाल के हुजूर क्षेत्र से कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने भी ऑपरेशन सिंदूर को स्कूली शिक्षा में लाने की मांग का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि यह केवल एक सैन्य ऑपरेशन नहीं था, बल्कि यह भारत की सामूहिक एकता और साहस का प्रतीक है। मसूद ने यह भी जोड़ा कि इस पाठ में महिला सैन्य अधिकारियों की भूमिका और मध्य प्रदेश के मंत्रियों द्वारा किए गए कथित अपमान को भी शामिल किया जाना चाहिए, जिस पर न्यायालय को हस्तक्षेप करना पड़ा।