
मध्य प्रदेश में खाद संकट पर MP के कृषि मंत्री एदल सिंह कंषाना का विवादित बयान (फोटो- सोशल मीडिया)
Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश के किसान खाद के लिए मारे-मारे फिर रहे हैं, लेकिन उनकी सुध लेने के बजाय सरकार के जिम्मेदार मंत्री ने उनके जख्मों पर नमक छिड़कने का कम कर रहे हैं। लंबी कतारों में लगे किसानों की परेशानी को कृषि मंत्री एदल सिंह कंषाना ने एक सोची-समझी साजिश करार दे दिया। जब उनसे खाद वितरण केंद्रों पर मची अफरा-तफरी और बदहाली पर सवाल पूछा गया, तो उन्होंने बड़ी आसानी से कह दिया कि यह सब विरोधियों की चाल है और भीड़ में लोग जानबूझकर घुसाए जा रहे हैं।
भोपाल में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान जब पत्रकारों ने कृषि मंत्री को खाद केंद्रों की जमीनी हकीकत बताई और गरीब किसानों को खाद न मिलने का मुद्दा उठाया, तो मंत्री जी का जवाब हैरान करने वाला था। उन्होंने अपनी सरकार की व्यवस्था में कमी मानने के बजाय सारा दोष एक प्री-प्लान्ड स्क्रिप्ट पर मढ़ दिया। उनका कहना था कि आप लोग भी जानते हैं कि ऐसे वीडियो कैसे सामने आते हैं। मंत्री के मुताबिक, यह सब किसानों को गुमराह करने के लिए किया जा रहा है और हंगामे के पीछे असली किसान नहीं बल्कि उपद्रवी तत्व हैं।
मंत्री एदल सिंह कंषाना ने अपना अजीबोगरीब तर्क देते हुए कहा कि 100 लोगों की भीड़ के बीच चुपके से 4 ऐसे लोग घुसा दिए जाते हैं, जिनका काम सिर्फ हो-हल्ला करना होता है। उन्होंने कहा कि ये बाहरी लोग ही हंगामे की शुरुआत करते हैं, कोई किसी को थप्पड़ मार देता है और माहौल खराब हो जाता है। मंत्री जी ने साफ शब्दों में इसे विरोधियों द्वारा रची गई साजिश बताया। खाद की किल्लत और वितरण केंद्रों पर धक्के खा रहे किसानों की पीड़ा पर मरहम लगाने के बजाय, मंत्री जी ने इसे राजनीतिक चश्मे से देखना ज्यादा बेहतर समझा। उनके इस बयान से यह साफ है कि सरकार जमीनी समस्याओं को कितनी गंभीरता से ले रही है।
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एदल सिंह कंषाना का विवादित बयानों से पुराना नाता रहा है। यह पहली बार नहीं है जब उन्होंने ऐसा कुछ कहा हो जिससे बवाल मचा हो। इससे पहले इसी साल मार्च में भी उन्होंने मुरैना जिले के अंबाह में एक अजीब बयान दिया था। उस समय वन विभाग की टीम पर हुए हमले के बाद उन्होंने रेत माफियाओं का बचाव करते हुए उन्हें पेट माफिया बता दिया था। उनका कहना था कि ये लोग रेत माफिया नहीं हैं, बल्कि अपना पेट पालने के लिए काम कर रहे हैं। मंत्री की नजर में रेत माफिया वह है जो किसी एक व्यक्ति के लिए काम करता है। अब खाद संकट पर दिए गए उनके इस नए बयान ने फिर से सियासी पारा चढ़ा दिया है।






