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-सीमा कुमारी
इस साल ‘वरुथिनी एकादशी’ (Varuthini Ekadashi) 26 अप्रैल, दिन शनिवार को है। यह एकादशी वैशाख मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को रखा जाता है। ज्योतिष-शास्त्र के मुताबिक, इस एकादशी को ‘कल्याणकारी एकादशी’ भी कहा जाता है।
ऐसी मान्यता है कि, इस एकादशी व्रत को रखने वाले भक्त जो पूरे मन से भगवान श्री विष्णु भगवान पूजा करते हैं उन्हें सौभाग्य की प्राप्ति होती है। आइए जानें इस साल ‘वरुथिनी एकादशी’ की तिथि, पूजा मुहूर्त एवं पारण समय के बारे में-
‘वरुथिनी एकादशी’ मंगलवार, अप्रैल 26, 2022 को
एकादशी तिथि प्रारम्भ – अप्रैल 26, 2022 को 01:37 बजे सुबह
एकादशी तिथि समाप्त – अप्रैल 27, 2022 को 12:47 बजे सुबह
27 अप्रैल को, पारण (व्रत तोड़ने का) समय – 06:41 ए एम से 08:22 सुबह
पारण तिथि के दिन हरि वासर समाप्त होने का समय – 06:41 सुबह
‘वरुथिनी एकादशी’ के दिन शाम 7:06 बजे तक ‘ब्रह्म योग’ है। इसके बाद ‘इंद्र योग’ प्रारंभ हो रहा है। ‘शतभिषा नक्षत्र’ शाम 4:56 बजे तक है। और इससे पहले ‘भाद्रपद’ लगेगा।इन दोनों योग और नक्षत्र को शुभ कार्यों के लिए अच्छा माना गया है। इस दिन व्रत रख रहे लोग प्रात: ही श्री विष्णु की पूजा कर सकते हैं। इस दिन रात 12:47 बजे से लेकर अगले दिन यानी 27 अप्रैल को सुबह 05:44 बजे तक त्रिपुष्कर योग हैं। वहीं अभिजित मुहूर्त 11:53 से लेकर दोपहर 12:45 बजे तक है।
‘वरुथिनी एकादशी’ व्रत भगवान विष्णु को अति प्रिय है। जो लोग नियम पूर्वक ‘वरुथिनी एकादशी’ व्रत करते हैं, उनके समस्त पापों का नाश हो जाता है। भगवान विष्णु की कृपा से सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं। मृत्यु के पश्चात उस व्यक्ति को भगवान श्री हरि के चरणों में स्थान प्राप्त होता है।