सीमा कुमारी
नई दिल्ली: हर साल 20 मार्च को ‘अंतरराष्ट्रीय खुशहाल दिवस'(International Day Of Happiness) मनाया जाता है। इस दिवस को मनाने का मुख्य उद्देश्य लोगों को सेहतमंद रहने के लिए हैप्पीनेस यानी खुशी के प्रति जागरूक करना है खुश होने के लिए भी भला कोई दिन होता है क्या? तो जवाब है शायद हां। शायद का प्रयोग इसलिए क्योंकि खुश होने के लिए एक दिन नहीं बल्कि हर दिन खुश रहने के लिए जीवन में खुशियों का स्वागत करने के लिए ‘अंतरराष्ट्रीय खुशी दिवस’ को आकार दिया गया।
पिछले कुछ सालों में लोगों के बीच खुशियों का स्तर घटता गया और मानसिक रोग, आत्महत्याओं का स्तर बढ़ने लगा इसलिए सभी के लिए जरूरी है कि वे खुश रहें। छोटी- छोटी चीजों में खुशियां ढूंढना सीखें। आइए जानें ‘अंतरराष्ट्रीय खुशी दिवस'(International Day Of Happiness) इतिहास और महत्व-
अंतरराष्ट्रीय खुशी दिवस जिसे कि आंग्लभाषा में इंटरनेशल डे ऑफ हैप्पीनेस कहा जाता है, प्रतिवर्ष 20 मार्च को मनाया जाता है। वर्ष 2013 के बाद से इसे पूरे विश्व में मनाया जा रहा है। संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 12 जुलाई 2012 को एक संकल्प लिया। यह संकल्प विश्वभर के लोगों के जीवन में खुशी और अभिलाषाओं पर आधारित है।
इस संकल्प को विश्व के समक्ष प्रस्तुत करते हुए 20 मार्च 2013 को अंतरराष्ट्रीय खुशी दिवस के रूप में घोषित किया। पिछले आठ सालों से इसे पूरे उल्लास के साथ मनाया जा रहा है। हालांकि कोरोना महामारी के कारण पिछले वर्ष यह फीका था।
हैप्पीनेस डे 2022 की थीम है शांत रहो, समझदार रहो और दयालु रहो। हर संभव स्थिति में धैर्य रखना और शांत रहना ही खुशी और संतुष्टि की कुंजी है। मुश्किल परिस्थितियों में भी बुद्धिमान बने रहने से ही समझदारी भरे कदम और सफलता मिलती है। दूसरों की ज़रूरतों, ग़लतियों और भूल के प्रति दयालु होने से उन्हें बढ़ने में मदद मिलेगी और उन्हें बेहतर महसूस होगा।