सीमा कुमारी
नवभारत डिजिटल टीम: सनातन धर्म में ‘कार्तिक माह’ (Kartik Month 2023) का बड़ा महत्व हैं। इस साल ‘कार्तिक माह’ 29 अक्टूबर, रविवार 2023 से शुरू हो रहा हैं। ये पावन माह भगवान विष्णु को समर्पित हैं। पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह धार्मिक दृष्टिकोण से बहुत महत्वपूर्ण होता हैं। इस माह में दिवाली, छठ, देवउठनी एकादशी और तुलसी विवाह जैसे महत्वपूर्ण पर्व आते हैं। कार्तिक पूर्णिमा (Kartika Purnima) के दिन नदी स्नान और दान करना बहुत ही शुभ माना जाता हैं।
मान्यता है कि, इसी माह में भगवान विष्णु ने मत्स्य अवतार धारण किया था। यह माह उनकी पूजा के लिए बेहद शुभ माना जाता हैं। आइए जानें साल 2023 में कार्तिक माह कब से शुरू हो रहा है, इसका महत्व और क्या करें, क्या न करें।
इस साल कार्तिक माह 29 अक्टूबर 2023 से शुरू हो रहा है। इसका समापन कार्तिक पूर्णिमा पर 27 नवंबर 2023 को होगा। कार्तिक माह में तप और व्रत का माह है, इस माह में भगवान की भक्ति और पूजा अर्चना करने से व्यक्ति की सारी इच्छाएं पूरी होती हैं।
धार्मिक कार्यों के लिए यह महीना सर्वश्रेष्ठ माना गया है। आश्विन शुक्ल पक्ष से कार्तिक शुक्ल पक्ष तक पवित्र नदियों में स्नान-ध्यान करना श्रेष्ठ माना गया है। श्रद्धालु गंगा तथा यमुना में सुबह- सवेरे स्नान करते हैं। जो लोग नदियों में स्नान नहीं कर पाते हैं, वह सुबह अपने घर में स्नान व पूजा पाठ करते हैं। कार्तिक माह में शिव, चण्डी, सूर्य तथा अन्य देवों के मंदिरों में दीप जलाने तथा प्रकाश करने का अत्यधिक महत्व माना गया है। इस माह में भगवान विष्णु का पुष्पों से अभिनन्दन करना चाहिए।
ऐसा करने से अश्वमेध यज्ञ के समान पुण्य फल मिलता हैं। कार्तिक माह की पूर्णिमा तिथि पर व्यक्ति को बिना स्नान किए नहीं रहना चाहिए। कार्तिक मास की षष्ठी को कार्तिकेय व्रत का अनुष्ठान किया जाता है स्वामी कार्तिकेय इसके देवता हैं। इस दिन अपनी क्षमतानुसार दान भी करना चाहिए। यह दान किसी भी जरूरतमंद व्यक्ति को दिया जा सकता है। कार्तिक माह में पुष्कर, कुरुक्षेत्र तथा वाराणसी तीर्थ स्थान स्नान तथा दान के लिए अति महत्वपूर्ण माने गए हैं।
ज्योतिषियों के अनुसार, संपूर्ण कार्तिक मास में ब्रह्म मुहूर्त में किसी पवित्र नदी में स्नान करने से व्यक्ति को बहुत पुण्य मिलता है। मान्यता है कि भगवान विष्णु जल में ही निवास करते हैं। अगर ऐसा ना कर पाएं तो नहाते समय पानी में गंगाजल जरूर डाल लें। इस महीने में दान देना भी व्यक्ति के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। निस्वार्थ भाव से किसी जरूरतमंद या असहाय को अन्न, धन, कंबल इत्यादि का दान जरूर करें।
यदि आप भगवान विष्णु की उपासक हैं, तो आप उन्हें और भी अधिक प्रसन्न करने के लिए इस पूरे माह तुलसी के पौधे की पूजा कर सकती हैं। आप सुबह और शाम के वक्त तुलसी में घी का दीपक जरूर जलाएं, साथ ही आपको तुलसी चालीसा का पाठ भी जरूर करना चाहिए।
कहते हैं, यदि आप पूरे कार्तिक माह में शाम के वक्त घर के मंदिर में 7 कपूर जलाती हैं, तो घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश होगा और यदि घर में सदस्यों के मध्य किसी भी प्रकार का मतभेद है तो वह भी सुलझने लगता है। इतना ही नहीं, सुबह और शाम की पूजा परिवार के सभी सदस्य मिलकर करते हैं, तो यह और भी ज्यादा फलदायक हो सकता है।
कार्तिक के महीने में शरद ऋतु शुरू होती है। दो बदलते मौसम के बीच का समय होने से इन दिनों सेहत संबंधी परेशानी भी होने लगती है। ऐसे में इस महीने के दौरान बैंगन, मठ्ठा, करेला, दही, जीरा, फलियां और दालें आदि नहीं खानी चाहिए।
कार्तिक के महीने में श्रीहरि जल में निवास करते हैं इसलिए भूलकर भी मछली या फिर अन्य प्रकार की तामसिक चीजें भूलकर भी सेवन न करें। इसके अलावा,कार्तिक के महीने में आपको अपने भोजन में भी थोड़े बदलाव करने चाहिए। वैसे तो इस महीने में मूली खाने का विशेष महत्व है। यदि आप भी अपने भोजन में मूली शामिल कर सकती हैं। आपको बता दें कि आप कार्तिक के महीने में श्रीकृष्ण को मूली भोग में भी चढ़ा सकती हैं, इससे भी वह बेहद प्रसन्न हो जाएंगे।