नेशनल गर्ल्स चाइल्ड डे (सौजन्य : सोशल मीडिया )
नई दिल्ली : महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने 24 जनवरी को राष्ट्रीय बालिका दिवस यानी नेशनल गर्ल्स चाइल्ड डे के तौर पर मनाया जाएगा। इस पहल की शुरूआत साल 2008 में की गई थी। हमारे पुरूष प्रधान देश में आज भी लड़कियों को प्राथमिकता नहीं दी जाती है।
नेशनल गर्ल्स चाइल्ड डे के मौके पर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। इन कार्यक्रमों के माध्यम से देश में बच्चियों को बचाने की प्रेरणा दी जाती है। हर साल नेशनल गर्ल्स चाइल्ड डे की अलग-अलग थीम होती है। हमारे देश में आज भी कई ऐसी जगह है जहां लड़कियों को जन्म से पूर्व ही गर्भ में मार दिया जाता है। साथ ही पूरी दुनिया में बच्चियों के साथ हो रहे अपराध बढ़ते जा रहे हैं। कम उम्र में ही इन बच्चियों का शोषण और उनके हेल्थ और बालिकाओं के लिए समाज में एक सुरक्षित माहौल बनाने के लिए अलग अलग जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है।
आज के समय में लड़कियां सिर्फ बाहर ही नहीं बल्कि घर में भी भेदभाव, घरेलू हिंसा और यौन उत्पीड़न जैसी घटनाओं का शिकार हो रही हैं। यहीं कारण है कि लड़कियों को शिक्षित करना हम सभी का पहला कर्तव्य है और ये नैतिक अनिवार्यता भी है। नेशनल गर्ल्स चाइल्ड डे के अवसर पर ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, सेव द गर्ल चाइल्ड’ जैसी बातों पर जोर दिया जाता है।
इस दिन का सबसे अहम उद्देश्य लोगों में लड़कियों/बच्चियों द्वारा सामना की जाने वाली सभी असमानताओं के बारे में जागरूकता लाना, उन्हें अच्छी शिक्षा, अच्छा स्वास्थ्य जैसी बातों को लेकर लोगों को जागरूक करना और उनके अधिकारों के बारे में जागरूकता को बढ़ाना इन खास बातों पर जोर देते हुए राष्ट्रीय बालिका दिवस मनाया जाता है। भारत में हर साल 24 जनवरी को नेशनल गर्ल्स चाइल्ड डे मनाया जाता है। साथ ही 11 अक्टूबर को इंटरनेशनल डे ऑफ द गर्ल चाइल्ड मनाया जाता है।
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पुरूष प्रधान देश होने के कारण हमारे देश में लड़कियों को समान अधिकार नहीं मिल पाता था। हालांकि इस 21वीं सदी में लड़कियों और लड़कों के बीच होने वाला अंतर कुछ हद तक कम हो चुका है। लेकिन आज भी हमारे देश में कई ऐसे इलाके है, जहां लड़कियों को लड़कों की तरह समान अधिकार नहीं दिया जाता है।