मुंबई के प्रसिद्ध लालबागचा राजा (सौ.एक्स)
देशभर में गणेश चतुर्थी का पर्व मनाया जा रहा हैं यानि कि 10 दिनों के गणेशोत्सव की शुरुआत आज से हो गई है। इस दौरान घरों औऱ पंडालों में गणपति बप्पा की भव्य प्रतिमा विराजी जाएगी तो वहीं यह पल बड़े ही हर्षोल्लास का है। महाराष्ट्र में तो गणेशोत्सव को एक त्योहार के रूप में हर घरों और पंडालों में मनाया जाता है। महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में सबसे प्रसिद्ध पंडाल का नाम जहां सबसे पहले सुनाई देता हैं वह हैं लाल बाग के राजा यानि यहां लालबागचा राजा कहते है। इस पंडाल में हर साल विशाल प्रतिमा स्थापित की जाती हैं तो वहीं पर थीम ही हर साल बदलती है।
मुंबई के लालबागचा राजा को कई नामों से पुकारते हैं, जिसमें नवसाचा गणपति और इच्छा पूर्ति गणेश के रूप शामिल है। यहां के दर्शन करने के लिए केवल मुंबई या महाराष्ट्र ही नहीं देश के हर हिस्से से भक्त बड़ी संख्या में दर्शन के लिए पहुंचते है। यहां पर दर्शन के लिए हर साल पहले से ही बुकिंग हो जाती हैं।
आपको बताते चलें कि, लालबागचा राजा की थीम हर साल नई और अद्भुत देखने के लिए मिलती हैं जो इस बार साल 2024 में भी काफी यूनिक है। हाल ही में 5 सितंबर को लालबागचा राजा के इस साल के पहले लुक को रिवील किया गया। बप्पा की पहली झलक सामने आते ही सोशल मीडिया पर वायरल हो गई। मैरून रंग की पोशाक और सोने के आभूषणों से सजे बप्पा की 12 फुट की मूर्ति सभी का मन मोह रही थी। इस बार लालबागचा राजा की थीम अयोध्या के राम मंदिर से प्रेरित है, जिसे कला निर्देशक नितिन चंद्रकांत देसाई ने डिजाइन किया है। इसे देखते ही लोगों को सुखद अनुभव होता है।
मुंबई के इस प्रसिद्ध पंडाल लालबागचा राजा का इतिहास पुराना माना जाता है। 1900 के दशक में लालबाग में 100 मिलों का काफी प्रभुत्व रहा। यहां पर इस क्षेत्र में आगे चलकर 1930 की दशक में औद्योगीकरण के दौरान वहां के टेक्सटाइल वकर्स को भारी नुकसान का सामना करना पड़ा, जिसके बाद वह गणपति के शरण में गए। इसी बीच उन्हें जमीन का एक टुकड़ा दिया गया। इसके बाद लोगों ने बप्पा की कृपा मानकर जमीन का एक हिस्सा गणपति पूजा के लिए समर्पित कर दिया। इस जगह को वर्तमान में लालबाग मार्केट के नाम से जानते है। बप्पा की स्थापना का निश्चय होने के बाद प्रतिमा बनाने की जिम्मेदारी कंबली परिवार ने उठाई, जो आज तक जारी है। इस परिवार के लोग ही लालबाग के गणपति की मूर्ति बनाते हैं और उसका रख-रखाव भी करते हैं। इतना ही नहीं उन्होंने इस मूर्ति का डिजाइन भी पेटेंट कराया हुआ है।
जाहिर सी बात हैं लालबाग के राजा को देश ही नहीं दुनिया में ही काफी जाना औऱ पसंद किया जाता है।