अमरनाथ यात्रा (सौ. डिजाइन फोटो)
देश की सबसे बड़ी तीर्थयात्राओं में से एक अमरनाथ यात्रा की शुरूआत आने वाले दिन 3 जुलाई को शुरू होने वाली है। यह पवित्र तीर्थयात्रा जम्मू कश्मीर से निकलती है जिसमें बड़ी संख्या में यात्री शामिल होते है। अमरनाथ यात्रा में शामिल होने वाले भक्तों के लिए रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया कुछ दिन पहले ही शुरू हो जाती है। भगवान शिव के पवित्र धाम के अमरनाथ की यात्रा काफी कठिन और मनोरथों को पूरा करने की यात्रा होती है। यहां पर धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस यात्रा को करने से व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है और आध्यात्मिक लाभ मिलते हैं। साथ ही भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती हैं।
यात्रा में शामिल होने वाले भक्तों के लिए अमरनाथ यात्रा को लेकर काफी उत्साह होता है। अमरनाथ यात्रा का महत्व होता है तो कई रहस्य अमरनाथ धाम से जुड़े है जिनके बारे में शायद ही कम लोग जानते है…
पौराणिक कथाओं में अमरनाथ धाम और दो कबूतरों की कहानी का उल्लेख मिलता है। एक बार महादेव से मां पार्वती ने कहा कि आप अजर-अमर हैं। मुझे हर जन्म के बाद आपको पाने के लिए अधिक तपस्या कर आपको प्राप्त करना होता है। साथ ही मां पार्वती ने महादेव को अमर होने का रहस्य पूछा, तो इसके बाद भगवान शिव मां पार्वती को एकांत जगह पर कथा सुनने को कहा। एकांत जगह का चयन कथा सुनाने के लिए इसलिए किया, क्योंकि अमर कथा कोई और न सुन सके। यहां पर गुफा में भगवान शिव माता पार्वती को अमर होने कथा सुना रहे थे उधर ही दो कबूतरों का जोड़ा कथा सुन रहा था।
जैसे कि, कथा सुनाने के बाद शिवजी ने दो कबूतरों को देखा वैसे शिवजी क्रोधित हुए और उनका वध करना चाहते थे। उस दौरान ही कबूतरों ने भगवान शिव को कहा कि अगर आप हमे मार देंगे, तो अमर कथा का महत्व नहीं रह जाएगा। ऐसे में शिव जी ने उन कबूतरों को प्राणदान दे दिया। प्रभु ने कहा कि तुम इस जगह पर सदैव शिव पार्वती के प्रतीक चिन्ह के रूप में वास करोगे। धार्मिक मान्यता के अनुसार, यह कबूतर का जोड़ा अमर हो गया।
आपको बताते चलें कि, अमरनाथ यात्रा का खास महत्व होता है। इसका महत्व कई धार्मिक ग्रंथों में देखने को मिलता है। इस यात्रा को करने से इंसान को जीवन-मरण के चक्र से छुटकारा मिलता है। यह गुफा लोगों को शांति प्रदान करती है। बताया जा रहा है कि, इस बार अमरनाथ यात्रा की शुरुआत 3 जुलाई से होगी। वहीं, इसका समापन 9 अगस्त को होगा।