जस्टिस वर्मा के खिलाफ चलेगा महाभियोग, फोटो: सोशल मीडिया
नई दिल्ली: जस्टिस वर्मा के खिलाफ महाभियोग की प्रक्रिया शुरू करने के लिए 100 से ज्यादा सांसदों के हस्ताक्षर इकट्ठा कर लिए गए हैं। संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने इस बात की जानकारी देते हुए कहा कि महाभियोग प्रक्रिया के लिए सांसदों के आवश्यक हस्ताक्षरों का प्रोसेस जारी है और आंकड़ा पहले ही 100 पार कर चुका है।
दरअसल जस्टिस वर्मा के अपने आवास पर जले हुए कैश के बंडल बरामद होने के बाद उनकी मुश्किलें बढ़ी हुई हैं। मानसून सत्र में महाभियोग लाने के सवाल पर रिजिजू ने कहा कि यह सिर्फ सरकार का कदम नहीं है। सभी दल इस पर मिलकर फैसला करेंगे। किरेन रिजिजू ने कहा कि संसद की कार्यवाही अच्छे से चले, इसके लिए पक्ष और विपक्ष को मिलकर काम करना होगा। राजनीतिक दल अलग अलग विचारधाराओं के हो सकते हैं मगर सदन का अच्छी तरह चलना सभी की जिम्मेदारी है। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार मानसून सत्र में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा करने को तैयार है।
मीडिया से बात करते हुए किरेन रिजिजू ने बताया, “संसद सत्र शुरू होने से पहले सभी दलों के फ्लोर नेताओं की एक बैठक हुई। इस सत्र में कुल 51 राजनीतिक दल और निर्दलीय सांसद भाग लेंगे। इन 51 दलों के 54 सदस्य आज बैठक शामिल हुए। 40 लोगों ने अपनी पार्टियों की ओर से अपनी राय रखी। बैठक बहुत सकारात्मक हुई। सभी राजनीतिक नेताओं ने अपनी-अपनी पार्टी की स्थिति बताई और इस सत्र में लाने वाले मुद्दे उठाए।’
किरेन रिजिजू ने इसके बाद कहा, ‘हमने सरकार की ओर से सभी प्वाइंट लिखे हैं। हमने कहा है कि सदन अच्छे से चले, इसके लिए पक्ष और विपक्ष को मिलकर अच्छे से काम करना होगा। राजनीतिक दल अलग-अलग विचारधाराओं के हो सकते हैं मगर सदन का अच्छी तरह चलना सब की जिम्मेदारी है। ये सरकार के साथ विपक्ष की भी जिम्मेदारी है।”
सर्वदलीय बैठक में कांग्रेस सांसद के सुरेश और जयराम रमेश, केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल, एनसीपी-एससीपी सांसद सुप्रिया सुले, शिवसेना सांसद श्रीकांत शिंदे, भाजपा सांसद रवि किशन के साथ-साथ अन्य नेता शामिल हुए। इस बैठक में सपा, वाईएसआर कांग्रेस, जेडीयू, अन्ना द्रमुक, सीपीआईएम और डीएमके के प्रतिनिधियों ने भी हिस्सा लिया। सत्र में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा किए जाने पर भी बात हुई।
किरेन रिजिजू ने कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद विभिन्न दलों के साथ सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडलों की बैठकें बहुत अच्छी और प्रभावी रहीं और उन सभी अच्छे अनुभवों को राष्ट्र के सामने शेयर किया जाना चाहिए। हमें इसका स्वागत करना चाहिए। रिजिजू ने कहा कि छोटे-छोटे दल है, विशेषकर जिस पार्टी के एक या दो सदस्य होते है, उनको सदन में बोलने का कम समय मिलता है, क्योंकि संख्या के हिसाब से संसद का सिस्टम चलता है। इसको संज्ञान में लिया गया है। छोटी पार्टियों के नेता को बोलने के लिए पर्याप्त समय कैसे दें इसको सुनिश्चित करने पर भी सहमति जताई गई है। इसके साथ ही जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सीजफायर दावे को लेकर विपक्ष के रुख पर रिजिजू से सवाल हुआ तो उन्होंने कहा कि सरकार संसद में ही इस पर जवाब देगी बाहर नहीं।
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रिजिजू ने कहा, ‘कई अहम मुद्दे है, जिस पर सभी दलों ने अपने विचार रखे हैं जिसपर सदन में चर्चा होनी चाहिए। हम तो खुले दिल से इन मुद्दों पर चर्चा करने के लिए तैयार है। हम नियम और परंपरा के तहत चलते है और इन चीजों को बहुत अहमियत देते हैं।’
आईएएनएस इनपुट के साथ