मिस्र में मिली 5,000 साल पुरानी शराब
काहिरा: इस्लाम में शराब रखने, पीने और बनाने को हराम माना जाता है। मुसलमानों को साफतौर पर शराब से दूर रहने के लिए कहा जाता है। लेकिन मिस्र में पुरातत्वविदों को 5,000 साल पुरानी शराब के जार मिले हैं। हैरानी की बात यह है कि शराब के ये जार एक रानी के कब्र के खंडहरों से मिले हैं।
मिस्र के पुरातत्वविदों को रानी मेरेट-नीथ के मकबरे के खंडहरों से 5,000 साल पुरानी शराब के जार मिले हैं। इनमें कई जार अभी तक सील बंद हैं। पुरातत्वविदों की मानें तो यह खोज शुरुआती मानव इतिहास के समय शराब बनाने और पीने के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी दे सकती है। खुदाई में मिली शराब की जांच से पता चलता है कि प्राचीन मिस्र के लोग शराब कैसे बनाते, सुरक्षित रखते और उपयोग करते थे।
रानी मेरिट-नीथ के मकबरे में ये शराब के जार मिले हैं। रानी मेरिट-नीथ ने मिस्र पर करीब 3000 ईस्वी में शासन किया था। पुरातत्वविदों को रानी के कब्र के मकबरे से सैकड़ों शराब के बर्तन मिले हैं। हालांकि इनमें से बहुत सारे जार क्षतिग्रस्त हो गए हैं लेकिन कई जार अभी भी असली डाट से सील हैं। जार की अच्छी हालत और अंगूर के बीज मिलने से यह खोज बहुत खास और वैज्ञानिक रूप से महत्वपूर्ण है। मकबरे में शिलालेख और दरबारियों की कब्रें हैं। इससे पता चलता है कि शराब मिस्र के खास लोगों के लिए अंतिम संस्कार की रस्मों का हिस्सा रही है।
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पुरातत्वविदों का मानना है कि रानी मेरेट-नीथ के मकबरे के खंडहरों से 5,000 साल पुरानी शराब मिलना किसी चमत्कार से कम नहीं है। उनका कहना है कि यह खोज प्राचीन समय में शराब बनाने और रखने के तरीके को समझने में मददगार साबित होगी। इससे अंगूर के बीजों से शुरुआती अंगूर की खेती के बारे में पता चलेगा। सीलबंद जारों का इस्तेमाल यह भी बताता है कि प्राचीन मिस्र के लोगों ने शराब को सुरक्षित रखने के तरीके खोज लिए थे। आज भी शराब को सुरक्षित रखने और उसे पुराना करने के लिए यही तरीका उपयोग किया जाता है।