ध्रुव जुरेल (फोटो-सोशल मीडिया)
Basant Panchami 2025: बसंत पंचमी का पर्व माता सरस्वती को समर्पित है। इस साल वसंत पंचमी का पावन पर्व 2 फरवरी को मनाया जा रहा है। इस दिन ज्ञान, वाणी, बुद्धि, विवेक, विद्या और सभी कलाओं से परिपूर्ण मां सरस्वती की पूजा अर्चना की जाती है। इस दिन लोग ज्ञान के साथ खुद को प्रबुद्ध करने और अज्ञानता से छुटकारा पाने के लिए मां शारदा की पूजा करते हैं।
कहते है, जो भी व्यक्ति ज्ञान और वाणी की देवी मां सरस्वती की उपासना करता है, उसको ज्ञान की प्राप्ति होती है। वहीं यदि कोई छात्र पढ़ाई में कमजोर है या उसका पढ़ाई में मन नहीं लगता है तो वसंत पंचमी के दिन कुछ उपाय अवश्य करने चाहिए। आइए जानते हैं उन उपायों के बारे में।
वसंत पंचमी के दिन करें ये महाउपाय
लक्ष्य पर फोकस करने के लिए
ज्योतिष के अनुसार, अगर आपका बच्चा अपने लक्ष्य के प्रति एकाग्रचित पढ़ाई नहीं कर पा रहा है और तो इसके लिए मां सरस्वती की तस्वीर स्टडी टेबल के पास रख दें। कहा जाता है कि ऐसा करने से उनका पढ़ाई में मन लगेगा और साथ ही याद्दाश्त भी अच्छी होती है।
याददाश्त शक्ति होगी तेज
कहते हैं, बसंत पंचमी के शुभ अवसर पर बच्चों के हाथों जरुरतमंदों को किताबें और पेन दान कराएं। मान्यता है कि ऐसा करने से वाणी दोष दूर होता है और बच्चे की याद करने की शक्ति तेज होती है। बच्चों का मन आध्यात्म की ओर अग्रसर कराने के लिए किताबें और पेन देवी सरस्वती के चरणों में अर्पित करें।
पढ़ाई में आ रही बाधा होगी दूर
ज्योतिष बताते हैं कि, जिन छात्रों की पढ़ाई में बाधा आ रही है, तो उनसे बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती को सफेद चंदन अर्पित कराएं और फिर ‘ॐ ऐं सरस्वत्यै ऐं नमः’ मंत्र का 108 बार जाप कराएं। मान्यता है कि,ऐसा करने से बच्चों की पढ़ाई में आने वाली बाधा दूर होती है। अगर, आपके बच्चे के साथ ऐसा कुछ हो रहा है तो ये उपाय जरूर करें।
बच्चों से कराएं पूजा
यदि आपके बच्चे का पढ़ाई में मन नहीं लगता है और उसका ध्यान पढ़ाई से बार-बार भटकता है, तो ऐसे में अपने बच्चे से देवी सरस्वती की पूजा कराएं। बच्चे के हाथों से पीले फल, फूल, केसर के पीले चावल मां सरस्वती को चढ़ाएं। इससे देवी प्रसन्न होती हैं और आपके बच्चे के मानसिक विकास का आशीर्वाद देती हैं।
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इस काम से मिलेगी तरक्की
कहते है जिन बच्चों को क्लास में बोलने में दिक्कत हो या फिर वे पढ़ने के बाद भी सही तरीके से लिख नहीं पाते हैं, तो इसके लिए बसंत पंचमी पर चांदी की कलम को शहद में डूबोकर बच्चे की जीभ पर ‘ॐ’ लिखें। ऐसी मान्यता है इससे बोलने में आ रही परेशानी दूर होती है और संतान पढ़ाई में आगे रहती हैं।