सांकेतिक तस्वीर (सोर्स- सोशल मीडिया)
कठुआ: जमीन की जीनत कश्मीर के बदन पर लगे पहलगाम हमले के जख्म अभी सूखे भी नहीं हैं कि एक बार फिर घाटी दहशत फैल गई है। जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले में सोमवार को फिर तीन संदिग्ध आतंकवादी देखे गए। इसके बाद सुरक्षा बलों ने इलाके में तलाशी अभियान शुरू कर दिया है, जो कि अभी भी जारी है।
सुरक्षा बलों के अधिकारियों ने बताया कि कठुआ के हीरानगर इलाके में एक नागरिक द्वारा तीन संदिग्ध लोगों को देखे जाने के बाद पास के वन क्षेत्र में तलाशी अभियान शुरू किया गया। उन्होंने बताया कि इस तलाशी अभियान में एक संयुक्त टीम लगी हुई है, जिसमें सेना और राज्य पुलिस बल के जवान शामिल हैं।
आतंकियों की धरपकड़ के लिए सुरक्षा बलों ने हीरानगर इलाके और इससे जुड़े हाईवे पर चौकसी बढ़ा दी है। पुलिस के मुताबिक, पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद सुरक्षा बलों की टीम सतर्क है। जब भी कहीं किसी संदिग्ध आतंकी के देखे जाने की सूचना मिलती है तो तुरंत तलाशी अभियान चलाया जाता है। इसमें स्थानीय पुलिस की टीम भी साथ होती है।
आपको बता दें कि इस समय जम्मू-कश्मीर में भारतीय सेना, पुलिस और सीआरपीएफ की ओर से कई इलाकों में आतंकवाद विरोधी तलाशी अभियान चलाए जा रहे हैं। इनमें कठुआ, किश्तवाड़ और सांबा के वन क्षेत्रों पर खास फोकस किया जा रहा है। कठुआ के लोवांग और सरथल जैसे इलाकों में संदिग्ध आतंकी गतिविधियों की सूचना के बाद 27 मई 2025 से संयुक्त अभियान चल रहा है, जो छठे दिन भी जारी है।
पिछले हफ्ते मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला अपने कैबिनेट सहयोगियों और पूरी प्रशासनिक मशीनरी को घाटी यानी उत्तरी कश्मीर के बारामूला जिले के एक रिसॉर्ट में ले गए और वहां एक बैठक की। ताकि डर के माहौल को खत्म किया जा सके। यह बैठक दक्षिण कश्मीर के पहलगाम में कैबिनेट मीटिंग के एक दिन बाद हुई।
दरअसल, 22 अप्रैल को पहलगाम घाटी में आतंकियों ने पर्यटकों पर हमला किया था, जिसमें 26 लोगों की मौत हो गई थी। इसके बाद घाटी में डर का माहौल है और पर्यटक अब वहां जाने से कतराने लगे हैं। वहीं, आतंकियों का दिखना यह सवाल भी खड़े कर रहा है कि घाटी में पुलवामा या पहलगाम जैसे हमले की साजिश तो नहीं हो रही?