किश्तवाड़ में बादल फटने से बड़ा हादसा (Image- Social Media)
Kishtwar Cloudburst: जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ के पाडेर में बादल फटने से बड़ा हादसा हो गया। इस घटना में 30 से अधिक लोगों की मौत हो गई है। अब तक 38 शव बरामद किए जा चुके हैं। स्थानीय प्रशासन तुरंत राहत व बचाव कार्य में जुट गया है। साथ ही मौके पर हुए नुकसान का आकलन भी किया जा रहा है। आवश्यक बचाव एवं चिकित्सा प्रबंधन की व्यवस्था हो रही है।
किश्तवाड़ के उपायुक्त पंकज शर्मा ने कहा, “किश्तवाड़ के चशोती इलाके में अचानक बाढ़ आ गई है, जो मचैल माता यात्रा का शुरुआती बिंदु है। बचाव अभियान शुरू कर दिया गया है।”
Two National Disaster Response Force (NDRF) teams have been rushed to Jammu and Kashmir’s Kishtwar district after a massive cloudburst struck in the region: NDRF
— ANI (@ANI) August 14, 2025
इसके अलावा जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल कार्यालय ने कहा, “किश्तवाड़ में बादल फटने की घटना से दुखी हूं। शोक संतप्त परिवारों के प्रति संवेदना और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं। सिविल, पुलिस, सेना, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ अधिकारियों को बचाव और राहत कार्यों में और तेजी लाने और प्रभावितों को हर संभव सहायता प्रदान करने का निर्देश दिया।”
#WATCH | J&K | A flash flood has occurred at the Chashoti area in Kishtwar, which is the starting point of the Machail Mata Yatra. Rescue Operations have been started. pic.twitter.com/dQbUBx46A9
— ANI (@ANI) August 14, 2025
उधर, श्रीनगर मौसम विज्ञान केंद्र ने कहा है कि अगले 4-6 घंटों के दौरान जम्मू-कश्मीर में कई स्थानों पर मध्यम से भारी बारिश और गरज/बिजली/तेज हवाओं के साथ हल्की बौछारें पड़ने की संभावना है। कुपवाड़ा, बारामूला, बांदीपोरा, श्रीनगर, गंदेरबल, बडगाम, पुंछ, राजौरी, रियासी, उधमपुर, डोडा, किश्तवाड़ के पहाड़ी इलाकों और काजीगुंड-बनिहाल-रामबन अक्ष पर कुछ स्थानों पर थोड़े समय के लिए भारी बारिश हो सकती है।
यह भी पढ़ें- SC on Stray Dogs: दिल्ली-एनसीआर में स्ट्रीट डॉग्स पर सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई, आदेश सुरक्षित
साथ ही, कुछ संवेदनशील स्थानों और पहाड़ी इलाकों में बादल फटने, अचानक बाढ़/भूस्खलन/भूस्खलन और चट्टान गिरने की संभावना है। लोगों को ढीली संरचनाओं/बिजली के खंभों, तारों और पुराने पेड़ों से दूर रहने की सलाह दी गई है। मौसम विभाग ने वुलर झील, डल झील और अन्य जलाशयों में नौका विहार/शिकारा की सवारी और अन्य गतिविधियों को स्थगित करने को भी कहा है।
बादल फटने की यह घटना इलाके में चल रही मचैल माता तीर्थयात्रा के दौरान हुई है। चिशोती वह आखिरी जगह है जहां तीर्थयात्री अपने वाहन पार्क करते हैं और 2,800 मीटर की ऊंचाई पर स्थित मचैल माता मंदिर तक पैदल यात्रा शुरू करते हैं। ये यात्रा, जिसमें जम्मू संभाग से हजारों लोग भाग लेते हैं, 25 जुलाई को शुरू हुई थी और 5 सितंबर को समाप्त होने वाली थी।