अमित शाह(फोटो- सोशल मीडिया)
नई दिल्लीः केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर के दो संगठनों को कथित राष्ट्र विरोधी गतिविधियों, आतंकवाद के समर्थन और अलगाववादी गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए मंगलवार को पांच साल के लिए प्रतिबंधित कर दिया। इन संगठनों में मीरवाइज उमर फारूक की अध्यक्षता वाली अवामी एक्शन कमेटी (एएसी) और मसरूर अब्बास अंसारी की अगुवाई वाली जम्मू-कश्मीर इत्तिहादुल मुस्लिमीन (जेकेआईएम) शामिल हैं।
फारूक अलगाववादी संगठनों के गठबंधन ‘ऑल पार्टी हुर्रियत कॉन्फ्रेंस’ के अध्यक्ष और श्रीनगर की जामिया मस्जिद के मुख्य मौलवी हैं, जो कश्मीर की सबसे भव्य एवं प्रभावशाली मस्जिद है। वहीं अंसारी ऑल पार्टी हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के वरिष्ठ नेता और कश्मीर घाटी के प्रमुख शिया नेता हैं।
केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से जारी एक अधिसूचना के मुताबिक अवामी एक्शन कमेटी के सदस्य जम्मू-कश्मीर में अलगाववाद को बढ़ावा देने के लिए आतंकवादी गतिविधियों और भारत विरोधी दुष्प्रचार में शामिल रहे हैं। एक अन्य अधिसूचना में मंत्रालय ने कहा कि जेकेआईएम के सदस्य गैरकानूनी गतिविधियों में शामिल रहे हैं, जो देश की अखंडता, संप्रभुता और सुरक्षा के लिए हानिकारक हैं। इसमें कहा गया है कि संगठन के सदस्य जम्मू-कश्मीर में अलगाववाद को बढ़ावा देने के लिए आतंकवादी गतिविधियों और भारत विरोधी दुष्प्रचार को समर्थन देने में लिप्त रहे हैं।
दोनों अधिसूचना में कहा गया है कि सभी उपलब्ध तथ्यों पर विचार करते हुए गृह मंत्रालय ने दोनों संगठनों को गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967 के तहत पांच साल के लिए प्रतिबंधित संगठन घोषित कर दिया है। गृह मंत्रालय ने कहा कि अवामी एक्शन कमेटी के नेता और सदस्य जम्मू-कश्मीर में अलगाववादी और आतंकवादी गतिविधियों को समर्थन देने सहित अन्य गैरकानूनी गतिविधियों के लिए धन जुटाने में लिप्त पाए गए हैं।
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मंत्रालय के अनुसार एएसी और उसके सदस्य अपनी गतिविधियों से देश के संविधान और संवैधानिक ढांचे के प्रति घोर अनादर प्रदर्शित करते हैं और यह संगठन राष्ट्र विरोधी एवं विध्वंसक गतिविधियों में शामिल होकर तथा लोगों में असंतोष के बीज बोकर जम्मू-कश्मीर को भारत से अलग करने के प्रयास में सहयोग दे रहा है। मंत्रालय ने कहा कि एएसी लोगों को कानून-व्यवस्था की स्थिति में खलल डालने के लिए उकसा रही है, जम्मू-कश्मीर को भारत संघ से अलग करने के लिए हथियारों के इस्तेमाल को प्रोत्साहित कर रही है और सरकार के खिलाफ नफरत को बढ़ावा दे रही है। (एजेंसी इनपुट के साथ)