ब्रत्य बसु पश्चिम बंगाल के शिक्षा मंत्री
कोलकाता: पश्चिम बंगाल में लेफ्ट समर्थित स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (SFI) द्वारा बुलाए गए बंद के दौरान कई विश्वविद्यालयों में हिंसा भड़क गई। छात्रों ने राज्य के शिक्षा मंत्री ब्रत्य बसु के इस्तीफे की मांग को लेकर प्रदर्शन किया, जिसके चलते टीएमसी छात्र परिषद (TMCP)और लेफ्ट समर्थक छात्र संगठनों के बीच तीखी झड़पें हुईं।
हड़ताल सुबह 10 बजे शुरू हुई और इसका असर जादवपुर यूनिवर्सिटी, प्रेसिडेंसी यूनिवर्सिटी, कलकत्ता यूनिवर्सिटी, रवींद्र भारती यूनिवर्सिटी, उत्तर बंगाल यूनिवर्सिटी और बर्दवान यूनिवर्सिटी में देखने को मिला। जादवपुर और प्रेसिडेंसी यूनिवर्सिटी में हड़ताल पूरी तरह सफल रही, जहां आम छात्रों, फैकल्टी और स्टाफ ने कैंपस से दूरी बना ली। वहीं, अन्य विश्वविद्यालयों में कुछ कक्षाएं प्रभावित हुईं, लेकिन सेमेस्टर परीक्षाएं जारी रहीं। मिदनापुर, सिलीगुड़ी, कूचबिहार और पांशकुड़ा में टीएमसी और लेफ्ट छात्र संगठनों के बीच झड़पों की खबरें आईं। हालांकि, इस विरोध प्रदर्शन का सड़क यातायात पर कोई असर नहीं पड़ा और पश्चिम बंगाल बोर्ड की कक्षा 12 वी की परीक्षाएं बिना किसी बाधा के आयोजित की गईं।
1 मार्च को जादवपुर यूनिवर्सिटी में विवाद तब खड़ा हो गया, जब प्रदर्शनकारी छात्रों ने शिक्षा मंत्री ब्रत्य बसु को रोकने की कोशिश की और उनसे छात्र संघ चुनावों पर चर्चा की मांग की। लेकिन मंत्री बिना बातचीत किए निकलने लगे, इसी दौरान उनके काफिले की गाड़ी दो छात्रों को टक्कर मारते हुए निकल गई।
एसएफआई के प्रदेश समिति सदस्य शुभजीत सरकार ने आरोप लगाया कि टीएमसी समर्थित बाहरी लोगों ने जादवपुर यूनिवर्सिटी कैंपस में हिंसा भड़काई। उन्होंने कहा, “छात्र सिर्फ मंत्री से चर्चा करना चाहते थे, लेकिन उन्होंने अहंकारी रवैया दिखाया और जबरदस्ती गाड़ी में बैठकर कैंपस से भागने लगे।”
प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि ब्रत्या बसु की गाड़ी की टक्कर से दो छात्र घायल हो गए, जिनमें से एक की हालत गंभीर है। लेकिन मंत्री ने पीछे मुड़कर देखने तक की जहमत नहीं उठाई और तेजी से निकल गए।
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इस घटना के बाद एसएफआई ने ब्रत्य बसु के इस्तीफे और उनके खिलाफ पुलिस कार्रवाई की मांग की है। संगठन ने कहा कि शिक्षा मंत्री ने छात्रों की सुरक्षा को खतरे में डाला और अब उन्हें जवाब देना होगा। हालांकि, एसएफआई ने यह भी आश्वासन दिया है कि वह बोर्ड परीक्षाओं में कोई बाधा नहीं डालेगा, बल्कि छात्रों की मदद के लिए परीक्षा केंद्रों के पास सहायता शिविर लगाएगा।
राज्य सरकार इस विरोध प्रदर्शन से कैसे निपटती है, मंत्री इस विवाद पर सफाई देंगे, या फिर यह आंदोलन और तेज होगा।