वक्फ बिल मामले में TDP के आगे झुकी मोदी सरकार! चंद्रबाबू नायडू ने करवाए तीन बदलाव, बिल पास करवाने पर लिया बड़ा फैसला
नई दिल्ली: लोकसभा में बुधवार को वक्फ संशोधन विधेयक विचार और पारित कराने के लिए लाया जाएगा और इस दौरान हंगामा होने के आसार हैं क्योंकि विपक्षी दल इसका पुरजोर विरोध कर रहे हैं। न्यूज एजेंसी के सूत्रों ने मंगलवार को बताया कि विधेयक पर सदन में आठ घंटे की प्रस्तावित चर्चा के बाद अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रीजीजू जवाब देंगे और इस विधेयक को पारित कराने के लिए सदन की मंजूरी लेंगे।
सूत्रों की मानें तो लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की अध्यक्षता में कार्य मंत्रणा समिति (बीएसी) की बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा हुई। पिछले साल विधेयक पेश करते समय सरकार ने इसे दोनों सदनों की एक संयुक्त समिति को भेजने का प्रस्ताव किया था। समिति द्वारा रिपोर्ट प्रस्तुत किये जाने के बाद, उसकी सिफारिश के आधार पर केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मूल विधेयक में कुछ बदलावों को मंजूरी दी थी।
कार्य मंत्रणा समिति की बैठक में विपक्ष ने विधेयक पर चर्चा के लिए 12 घंटे का समय आवंटित करने की मांग की जबकि सरकार ने कम समय रखने पर जोर दिया ताकि अन्य विधायी कामकाज निपटाया जा सके। इस मुद्दे पर बीएसी बैठक में सरकार और विपक्ष के बीच तीखी नोकझोंक हुई और विपक्षी दलों के नेता बैठक छोड़कर बाहर आ गए। बाद में रीजीजू ने संसद परिसर में संवाददाताओं से कहा कि कुछ दल चार से छह घंटे की चर्चा चाहते थे, वहीं विपक्ष 12 घंटे की चर्चा कराने पर अड़ा रहा।
उन्होंने कहा कि लोकसभा अध्यक्ष ने चर्चा के लिए आठ घंटे निर्धारित किए हैं और सदन की भावना के अनुरूप इस अवधि को बढ़ाया जा सकता है। रीजीजू ने इस बात पर हैरानी जतायी कि विपक्ष ने बीएसी की बैठक से वॉकआउट क्यों किया? रीजीजू ने कहा कि वह बुधवार को 12 बजे निचले सदन में प्रश्नकाल समाप्त होते ही विधेयक को चर्चा और पारित कराने के लिए रखेंगे। उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए दावा किया कि कुछ दल चर्चा से बचने के लिए बहाने बना रहे हैं।
वक्फ (संशोधन) विधेयक में तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) द्वारा सुझाए गए तीनों संशोधनों को समिति ने स्वीकार कर लिया गया है। इसके साथ ही टीडीपी ने विधेयक को पूरा समर्थन देने का फैसला लिया है। कल लोकसभा में पार्टी बिल के समर्थन में वोटिंग करेगी। इसी के साथ जेडीयू के प्रस्तावों को भी मान लिया गया है। लिहाजा अब माना जा रहा है कि नीतीश कुमार की पार्टी भी लोकसभा में बिल का समर्थन कर सकती है।
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लोकसभा में कांग्रेस के उप नेता गौरव गोगोई ने कहा कि विपक्ष बीएसी की बैठक से बाहर आ गया क्योंकि सरकार अपना एजेंडा थोप रही है और मतदाता पहचान पत्र और आधार कार्ड को जोड़ने के मुद्दे पर चर्चा कराने की मांग स्वीकार नहीं की गई। उन्होंने आरोप लगाया कि विपक्ष को मौका नहीं दिया जा रहा। जीजू ने कहा कि लोकसभा द्वारा विधेयक पारित किए जाने के बाद राज्यसभा को इसकी सूचना दी जाएगी। विपक्षी दल विधेयक का कड़ा विरोध कर रहे हैं और इसे असंवैधानिक एवं मुस्लिम समुदाय के हितों के खिलाफ बता रहे हैं। कुछ प्रमुख मुस्लिम संगठन विधेयक के खिलाफ एकजुट हैं। विधेयक में भारत में वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन और प्रशासन में सुधार का प्रावधान प्रस्तावित है।