अमित शाह, नरेंद्र मोदी, राहुल गांधी, अखिलेश यादव(फोटो- नवभारत डिजाइन)
नई दिल्लीः केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार आज संसद में अग्निपरीक्षा से गुजरेगी। लोकसभा में आज वक्फ बोर्ड संशोधन विधेयक सरकार पेश करेगी। इस बिल के खिलाफ समूचा विपक्ष यानी INDIA गठबंधन है, जिसमें काग्रेंस, समाजवादी पार्टी व तृणमूल कांग्रेस जैपी पार्टियां शामिल हैं। वहीं दूसरी तरफ अमित शाह और नरेंद्र मोदी NDA गठबंधन के प्रमुख सहयोगियों की मदद से इस बिल को लोकसभा में किसी भी तरह से पास कराना चाहेंगे। NDA के सहयोगियों में नीतीश कुमार की पार्टी जेडी (यू) और चंद्र बाबू नायडू की पार्टी टडीपी शामिल है।
नीतीश कुमार और चंद्र बाबू नायडू ने वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर अभी तक खुलकर अपने विचार स्पष्ट नहीं किए हैं। वहीं लगातार विपक्ष दोनों नेताओं से अपना स्टैंड क्लियर करने की बात कह रहा है। हालांकि दोनों पार्टियों के अन्य नेताओं द्वारा ये बात जरूर कही गई कि हम मुस्लिम समुदाय के खिलाफ कोई भी अन्याय नहीं होनें देंगे।
वक्फ बोर्ड के भविष्य का फैसला कुछ घंटों बाद होगा
अब से कुछ घंटे बाद देश की सियासत में संसद के भीतर वक्त बदलने वाला है, जब आठ घंटे की बहस शुरू होगी। इसमें तय होगा कि देश की सबसे बड़ी और ताकतवर मुस्लिम संस्था वक्फ बोर्ड का वक्त अब बीते दौर की बात है या नहीं। आज लोकसभा में दोपहर 12 बजे वक्फ संशोधन बिल सरकार ला रही है। कल ही वोटिंग भी होगी और ये तय माना जा रहा है कि मोदी सरकार अपने तीसरे कार्यकाल के सबसे अहम बिल पर कल जीत हासिल कर सकती है।
इन पार्टियों ने कर दिया वक्फ का समर्थन!
सूत्रों के मुताबिक सेकुलर राजनीतिक छवि रखने वाली पार्टियों ने खुलकर तो अभी तक कुछ नहीं बोला है, लेकिन नीतीश कुमार, चंद्रबाबू नायडू, देवगौड़ा, चिराग पासवान, मांझी, जयंत चौधरी की पार्टी ने बिल के समर्थन की हरी झंडी दे दी है। कर्नाटक में सहयोगी दल जेडीएस के दोनों सांसद भी कल वक्फ संशोधन बिल का समर्थन करेंगे। ऐसे में वक्फ संशोधन विधेयक पास होना लगभग फिक्स है, रिस्क सिर्फ नीतीश और नायडू का है।
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सांसदों का समीकरण
लोकसभा में NDA के 293 सांसद हैं। INDIA गठबंधन के पास 235 सांसद हैं, जिसमें अन्य को भी जोड़ दें तो ये संख्या 249 तक पहुंच जाती है। जबकि बहुमत का नंबर 272 है। विपक्ष को उम्मीद है कि अगर 16 सांसदों वाली टीडीपी और 12 सांसदों वाली जेडीयू वक्फ बिल का विरोध कर दे तो गेम पलट सकता है। क्योंकि तब NDA का नंबर घटकर 265 हो जाएगा और बिल के विरोध में नंबर 277 पहुंच जाएगा।