(डिज़ाइन फोटो)
नई दिल्ली: जहां एक तरफ किसान आंदोलन को आज 200 दिन पूरे हो गए हैं। वहीं इस मौके पर किसान संगठन बड़े प्रदर्शन की तैयारी कर रहे हैं। खास बात यह है कि आज इस प्रदर्शन में महिला पहलवान ओलंपियन विनेश फोगाट भी शामिल हुई हैं। जी हां। आज हरियाणा-पंजाब के शंभू बॉर्डर पर रेसलर विनाश फोगाट ने मंच पर पहुंचकर किसान आंदोलन का समर्थन किया है। इस दौरान उन्होंने कि कहा कि किसानों की मांगों को जल्द माना जाना चाहिए।
उन्होंने कहा, “200 दिन हो गए हैं जब से वे यहां बैठे हैं। यह देखकर दुख होता है। वे सभी इस देश के नागरिक हैं। किसान देश को चलाते हैं। उनके बिना कुछ भी संभव नहीं है, एथलीट भी नहीं – अगर वे हमें खाना नहीं खिलाएंगे, तो हम प्रतिस्पर्धा नहीं कर पाएंगे। कई बार हम असहाय होते हैं और कुछ नहीं कर पाते हैं, हम इतने बड़े स्तर पर देश का प्रतिनिधित्व करते हैं, लेकिन हम अपने परिवार के लिए कुछ नहीं कर पाते हैं, भले ही हम उन्हें दुखी देखते हों। मैं सरकार से आग्रह करती हूं कि उन्हें सुनना चाहिए। उन्होंने पिछली बार अपनी गलती स्वीकार की थी, उन्हें अपने वादे पूरे करने चाहिए। अगर लोग इस तरह सड़कों पर बैठे रहेंगे तो देश आगे नहीं बढ़ेगा।”
#WATCH | At the farmers’ protest site at Shambhu border, Olympian wrestler Vinesh Phogat says, “Your agitation completes 200 days today. I pray to God that you get what you have come here for – your right, for justice…Your daughter stands with you. I also urge the Government.… pic.twitter.com/nUlkaTT399
— ANI (@ANI) August 31, 2024
बता दें कि किसान 13 फरवरी से शंभू में डेरा डाले हुए हैं। वे अन्य मुद्दों के साथ-साथ सभी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी की मांग कर रहे हैं। खबर यह भी है कि सभी किसान उन्हें इस मौके पर उनके पेरिस ओलंपिक के प्रदर्शन को देखते हुए सम्मानित भी किया है।
यहां पढ़ें – केदारनाथ में बड़ा हादसा! MI-17 से छिटक कर गिरा हेलीकॉप्टर, कोई जनहानि नहीं, देखें Video
इसके पहले खबर थी कि महिला पहलवान विनेश फोगाट भी इस आंदोलन से जुड़ सकती हैं। हालांकि उनकी तरफ से न तो कोई ‘X’ पर पोस्ट आई और न ही उन्होंने इसपर अपनी रजामंदी दी थी।
हालांकि इस बीच, विनेश फोगाट के लिए यह एक चुनौतीपूर्ण समय रहा। बीते 7 अगस्त को, वह महिलाओं की 50 किग्रा वर्ग में पेरिस ओलंपिक स्वर्ण पदक के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका की सारा एन हिल्डेब्रांट का सामना करने के लिए तैयार थी। लेकिन तब तय मानक से ज्यादा वजन होने के बाद वह फाइनल मैच से पहले ही अयोग्य घोषित कर दी गई। उन्होंने खेल के मध्यस्थता न्यायालय (CAAS) से संयुक्त रजत पदक प्रदान करने की याचिका दायर की थी, लेकिन उसे खारिज कर दिया गया था। अपनी अयोग्यता के बाद, विनेश ने कुश्ती से संन्यास की घोषणा कर दी थी।
यहां पढ़ें – दरिदंगी की हद! कुकर्म का विरोध करने पर युवक के प्राइवेट पार्ट में ‘कंप्रेसर’ से भरी हवा, फटी अंतड़ियां
इधर किसान नेताओं ने कहा कि सरकार के साथ संवाद करने के प्रयासों का कोई जवाब नहीं मिला है। इसके पहले भी किसान संगठनों ने बार-बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ-साथ पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को लिखा था लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। इन लोगों ने आरोप लगाया कि मोदी कार्यकाल के 11वां वर्ष में प्रवेश करने के साथ, हमारी मांगों को पूरा करने के बजाय, सरकार किसानों की आवाज को दबाती ही रही है।
#WATCH | At Shambhu border, farmer leader Sarwan Singh Pandher says, “It has been 200 days of the agitation. A lot of injustice was done to us. Allegations were levelled against us. We were called Khalistanis and a lot of things. We braved sun, rain, winter and despite all of… pic.twitter.com/8xKdCLcRux
— ANI (@ANI) August 31, 2024
वहीं किसान मजदूर मोर्चा के संयोजक सरवन सिंह पांधेर ने भावुकता से किसानों से अपील की कि वे आज यानी 31 अगस्त को शंभू और खानाउरी बिंदुओं पर बड़ी संख्या में जुटें। पंढेर ने कहा कि, “मोदी सरकार को मुंहतोड़ जवाब देंगे। हम छापे से डरने वाले नहीं। जब तक किसानों और मजदूरों की मांगें नहीं मानी जाएंगी हम आदोलन जारी रखेंगे।”