प्रतीकात्मक तस्वीर, फोटो: सोशल मीडिया
Pahalgam Attack: पहलगाम में 26 पर्यटकों की हत्या के बदले के रूप में चलाया गया ऑपरेशन महादेव में तीन आतंकियों तो मार गिराया गया था। मारे गए आतंकियों में से एक ताहिर का जनाजा पाकिस्तान-अधिकृत कश्मीर के खाई गल्ला गांव में अदा किया गया। इसमें बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए।
ताहिर हबीब मूल रूप से पाकिस्तानी सेना में जवान था। बाद में उसने आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का दामन थाम लिया। पहलगाम हमले में उसकी भूमिका अहम रही थी। खुफिया रिकॉर्ड में उसे ‘अफगानी’ के नाम से पहचाना जाता था क्योंकि वह सदोई पठान समुदाय से संबंध रखता था। इसकी ऐतिहासिक जड़ें अफगानिस्तान और पुंछ विद्रोह से जुड़ी हैं।
ताहिर के जनाजा-ए-गायब के दौरान एक अप्रत्याशित स्थिति तो तब पैदा हुई जब लश्कर का सीनियर कमांडर रिजवान हनीफ वहां पहुंच गया। ताहिर के परिजनों ने उसे अंतिम संस्कार में शामिल होने से इनकार कर दिया। जब हनीफ ने जबरदस्ती की कोशिश की तो लश्कर के आतंकियों और स्थानीय ग्रामीणों के बीच तीखी बहस हो गई। एक आतंकी ने तो बंदूक निकालकर धमकी भी दी जिससे इलाके में तनाव फैल गया।
स्थानीय सूत्रों के अनुसार, गांव के लोग अब लश्कर आतंकियों और पाकिस्तान के आतंक नेटवर्क के खिलाफ खुला विरोध दर्ज कराने की तैयारी कर रहे हैं। एक ग्रामीण ने बताया कि अब पीओके के लोग भी आतंकवाद से तंग आ चुके हैं और इसका सार्वजनिक बहिष्कार करना चाहते हैं।
ताहिर के जनाजे और लश्कर की सक्रियता ने एक बार फिर यह साबित किया है कि पहलगाम हमला पूरी तरह से पाकिस्तान प्रायोजित था। ऑपरेशन सिंदूर के बाद ऑपरेशन महादेव इस हमले में शामिल आतंकियों के खात्मे की दिशा में निर्णायक कार्रवाई साबित हुआ।
यह भी पढ़ें: राम मंदिर को बम से उड़ाने की धमकी, महाराष्ट्र के लड़के को पाक से आया मैसेज
ऑपरेशन महादेव में कुल 3 आतंकियों के मारे जाने पर पाकिस्तान ने अलग दलील पेश की है। पाकिस्तान का कहना है कि भारत की एजेंसियां डिटेन कर रखे गए पाकिस्तानियों को एनकाउंटर में खत्म कर इन्हें सीमा पार का आतंकी बता रही हैं। पाकिस्तान के अखबार डॉन ने एक रिपोर्ट में पाकिस्तानी सुरक्षा सूत्रों के हवाले से लिखा, “भारत ऑपरेशन महादेव के नाम पर फेक एनकाउंटर कर रहा है।”