ऑपरेशन महादेव (कॉन्सेप्ट फोटो)
Pahalgam Attack Terrorists Killed: ऑपरेशन सिंदूर पर संसद में चर्चा चल रही है। वहीं पहलगाम में हमला करने वाले आतंकियों को सेना ने एनकाउंटर में मार गिराया है। सोमवार को इस ऑपरेशन को जम्मू कश्मीर पुलिस और सेना ने संयुक्त रूप से अंजाम दिया। सेना ने इस ऑपरेशन का नाम ऑपरेशन महादेव रखा है। अब सबके मन में सवाल आ रहा होगा कि ये ऑपरेशन महादेव क्या है और इस ऑपरेशन का नाम महादेव क्यों रखा गया? इस आक्टिकल में हम आपको विस्तार से बताते हैं कि ये ऑपरेशन क्या है और इसका नाम महादेव क्यों रखा गया है…
दरअसल, पहलगाम हमले के तीन महीने बाद, जिसमें 26 लोग मारे गए थे, इस नरसंहार के लिए जिम्मेदार तीन संदिग्ध पाकिस्तानी आतंकवादी श्रीनगर में सेना के साथ मुठभेड़ में मार गिराए गए। सोमवार को सशस्त्र बलों को तीन विदेशी आतंकवादियों की मौजूदगी की सूचना मिलने के बाद श्रीनगर के लिडवास क्षेत्र में पहाड़ी के पास मुठभेड़ शुरू हो गई। इस मुठभेड़ में सेना ने तीन आतंकी मार गिराए। सेना ने बताया कि इसका नाम ‘ऑपरेशन महादेव’ था।
आपको बता दें कि सुरक्षाबलों को चीनी अल्ट्रा-रेडियो संचार के सक्रिय होने की खबर मिली थी। इसके बाद सेना के जवानों ने यह ऑपरेशन शुरू किया। इस ऑपरेशन की तैयारी कई दिन पहले की गई थी। इस ऑपरेशन का नाम जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में स्थित महादेव चोटी के नाम पर रखा गया था। ये चोटी काफी ऊंचाई पर है, जहां पर आतंकियों को जंगल युद्ध का प्रशिक्षण दिया जाता है। सुरक्षाबलों ने ऑपरेशन को अंजाम देने से पहले 14 दिनों तक लश्कर और जैश के आतंकियों पर नजर रखी थी। आतंकी महादेव चोटी की तलहटी में घने जंगलों में छिपे हुए थे।
यह भी पढ़ें- ‘ऑपरेशन सिंदूर’ बहस पर कांग्रेस में घमासान, थरूर के बाद मनीष तिवारी के बदले तेवर
जिस पहाड़ी पर आतंकी छिपे थे, वो एक पवित्र स्थल है जिसका वर्णन प्राचीन ग्रंथों और कश्मीरी लोककथाओं में मिलता है। 13,000 फीट से अधिक ऊंची ये महादेव चोटी श्रीनगर के सबसे ऊंचे बिंदु के तौर पर जानी जाती है। महादेव चोटी कश्मीरी परंपरा में बहुत पूजनीय है। कश्मीर घाटी के श्रद्धालु इसे साधारण पर्वत नहीं बल्कि यह आस्था का बड़ा केंद्र मानते हैं। इसे भगवान शिव का निवास स्थान माना जाता है।