देवता समान अभिनेता क्यों इस दर्जे पर कायम है साउथ एक्टर
Vijay Thalapathy TVK Party Karur Rally Stampede: दक्षिण भारत में सिनेमा सिर्फ मनोरंजन नहीं, बल्कि एक धर्म जैसा है, जहां प्रशंसक अपने पसंदीदा सितारों को भगवान का दर्जा देते हैं। यहां फिल्में और राजनीति एक-दूसरे में इस कदर घुले-मिले हैं कि रील लाइफ के नायक को लोग रियल लाइफ में भी अपना नायक या कहें कि भगवान मान बैठते हैं और अक्सर अभिनेता से नेता बनने वालों को जनता का जमकर समर्थन मिलता है। इसी अटूट विश्वास और भक्ति का फिर से एक हालिया भयावह परिणाम तमिलनाडु के करूर में देखने को मिला, जब अभिनेता विजय थलपति की रैली में उमड़ी बेकाबू भीड़ में भगदड़ मच गई और 39 जिंदगियां पल भर में खत्म हो गईं।
यह हादसा दक्षिण भारत के उस गहरे सामाजिक और सांस्कृतिक ताने-बाने को उजागर करता है, जहां अभिनेताओं के लिए जुनून सारी हदें पार कर जाता है। यहां “फैन क्लब” किसी सामाजिक संस्था की तरह काम करते हैं, जो अपने स्टार के एक इशारे पर हजारों की भीड़ जुटा देते हैं। प्रशंसकों के लिए किसी रैली में अपने पसंदीदा अभिनेता को देखना किसी “दर्शन” से कम नहीं होता। यह भावनात्मक जुड़ाव इतना गहरा है कि लोग अपने स्टार के कट-आउट पर दूध तक चढ़ाते और उनकी पूजा पाठ में भी लीन हो जाते हैं। इसी जुनून के चलते अक्सर सुरक्षा और व्यवस्था के इंतजाम भीड़ के सैलाब के आगे बौने पड़ जाते हैं।
यह पहली बार नहीं है जब किसी सितारे के लिए उमड़ी भीड़ जानलेवा साबित हुई हो। इससे पहले 4 दिसंबर 2024 को हैदराबाद में अल्लू अर्जुन को देखने के लिए मची भगदड़ में एक महिला की जान चली गई थी। इसी तरह, 2018 में केरल में दुलकर सलमान के एक कार्यक्रम में और 2013 में तेलंगाना में जूनियर एनटीआर के एक म्यूजिक रिलीज इवेंट में भी भगदड़ के कारण मौतें हुई थीं। ये घटनाएं बार-बार याद दिलाती हैं कि कैसे सितारों के प्रति अंधा जुनून और आयोजकों की लापरवाही भयानक त्रासदियों को जन्म देती है। साउथ में अक्सर लोग अपने चहते अभिनेता की एक झलक के लिए सारी परेशियां को कंधे पर ले लेते है। अक्सर साउथ अभिनेता रजनीकांत को लेकर भी जनता में काफी दीवानगी देखने को मिलती है और उनके लिए भी लाखों की संख्या में लोग आते है और लोग उनके कटआउट को भगवान समझ कर पूजने से भी नहीं चूकते हैं।
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करूर में हुए इस दर्दनाक हादसे की कई वजहें सामने आईं। प्रशासन का अनुमान था कि रैली में लगभग 10 से 30 हजार लोग आएंगे, लेकिन वहां 60 हजार से लाखों लोगों के पहुंचने की बात सामने आ रही है। ऊपर से, अभिनेता विजय तय समय से करीब 6 घंटे की देरी से पहुंचे, जिससे भीड़ का सब्र जवाब दे गया। मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन के अनुसार, इस भगदड़ में 39 लोगों की मौत हुई, जिनमें 16 महिलाएं और 10 बच्चे शामिल हैं, जबकि 51 लोग आईसीयू में भर्ती हैं। तमिलनाडु पुलिस ने बताया कि रैली के लिए केवल 10 हजार लोगों की अनुमति थी, लेकिन भीड़ कई गुना ज्यादा थी और उसे संभालने के लिए कोई स्वयंसेवक या पर्याप्त पुलिस बल मौजूद नहीं था।