मिग-25 ( फोटोे- भारतीय वायुसेना एक्स हैंडल)
नवभारत डिजिटल डेस्कः भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर है। इसी बीच पाकिस्तान ने 2 बैलिस्टिक मिसाइलों का परीक्षण कर शक्ति प्रदर्शन किया। हालांकि भारत पाकिस्तान से कहीं ज्यादा ताकतवर है। इसलिए शक्ति प्रदर्शन की रेस में शामिल होने के बजाय एक्शन का रास्ता चुना है। क्योंकि बीते कुछ दशक से युद्ध के तरीकों में काफी बदलाव आया है। AI और ड्रोन के जमान में सीधे युद्ध के बजाय आधुनिक हथियारों के युद्ध का समय है। ऐसे में आज हम भारत के एक ऐसे रहस्यमयी विमान का कारनामा बताएंगे, जिसकी क्षमता से न केवल पाकिस्तान बल्कि अमेरिका भी हैरान हो गया था। उस टोही विमान को अमेरिका ने फॉक्सबैट तो भारत ने गरुड़ नाम दिया।
इस टोही विमान का नाम मिग-25 है, जिसे भारत ने रूस से खरीदा था। पाकिस्तान से दो और चीन से एक युद्ध लड़ने के बाद भारत ने 1981 में रूस से 25 मिग-25 टोही विमान खरीदे थे। सीमा पर तनातनी की स्थिति बनी रहती थी। यही कारण रहा कि भारत ने उस दौर के सबसे बेहतरीन जासूसी विमान को रूस से खरीदा था।
जब पाकिस्तान को डराया
बात कारगिल युद्ध से पहले 1997 की है। मिग 25 ने भारत से उड़ान भरा और सीधे पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद पहुंच गया। इसकी किसी को भनक तक नहीं लगी। यह विमान इस्लामाबाद सहित पाकिस्तान के अन्य महत्वपूर्ण ठिकानों की तस्वीरे खींचता रहा। इस विमान को न कोई राडार पकड़ पाया और न ही कोई विमान। इसके बाद पायलट ने खुद की उपस्थिति पाकिस्तानी आसमान में जानबूझ कर दर्ज कराई, जो एक प्रकार की चुनौती थी कि लो हम आ गए और अपना काम करके जा रहे हैं।
क्या हुआ था उस दिन
मई 1997 में पाकिस्तान में उस समय हड़कंप मच गया जब इंडियन एयरफोर्स का मिग -25 इस्लामाबाद से मैक-3 से भी तेज गति से उड़ान भरी। 66,000 फीट की ऊंचाई पर उड़ान भरते समय मिग 25 ने ध्वनि अवरोध तोड़ दिया। जिसके बाद एक तेज आवाज होने लगी। पाकिस्तान मिग की गड़गड़ाहट से सहम गया। जब तक पाकिस्तान की वायुसेना को पता चलता और वो अपना विमान पीछे भेजते तब तक मिग 25 गायब हो चुका था। ऐसा कहा जाता है कि भारतीय पायलट ने ध्वनि अवरोधक को जानबूझकर तोड़कर यह बताने का प्रयास किया था कि पाकिस्तान के पास उसके टक्कर का विमान नहीं है। बात भी सही थी। पाकिस्तान क्या, उस समय अमेरिका के पास भी इस विमान का कोई तोड़ नहीं था।
पाकिस्तान ने लगाया आरोप भारत ने नाकारा
हालांकि भारत ने इस पाकिस्तान में मिग -25 से इस तरह के खूफिया ऑपरेशन से इनकार किया, लेकिन पाकिस्तान के विदेश मंत्री, गोहर अयूब खान का मानना था कि फॉक्सबैट (नाटो नेम) ने राजधानी इस्लामाबाद के पास रणनीतिक प्रतिष्ठानों की तस्वीरें खींची थीं। मिग 25 की क्षमताओं के बारे में भारतीय वायु सेना लगातार इनकार करती रही है। इसके द्वारा खींची गई तिब्बत के इलाकों के तस्वीरों की प्रदर्शनी में कैलाश पर्वत की तस्वीर दिखी। इससे पता चलता है कि इस विमान ने चीन के इलाकों की तस्वीरें ली हैं।
बिना हथियार सफल अभियान
ऐसे तो इस लड़ाकू विमान में रक्षा के लिए हवा से हवा में मार करने वाली चार मिसाइलें लगी होती थीं, लेकिन शायद ही इसका कभी प्रयोग किया गया है। इसके हथियार थे वो शक्तिशाली कैमरे जो हजारों फीट की ऊंचाई से भी साफ तस्वीरें ले सकते थे। शीत युद्ध के दौरान सोवियत संघ ने इसका इस्तेमाल अमेरिका के खिलाफ खूब किया था। भारत ने इसका इस्तेमाल चीन और पाकिस्तान के खिलाफ किया था। हालांकि भारतीय वायुसेना ने आजतक इसके मिशनों और रहस्यों के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं दी है। सन् 2006 में इस विमान को भारतीय वायुसेना से रिटायर कर दिया गया।
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मिग-25 और F-16
रूस के मिग -25 और अमेरिका के F-16 आज भी दुनिया के सर्वश्रेष्ठ फाइटर जेट माने जाते हैं। मिग-25 में एक शक्तिशाली राडार और चार हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलें होती थीं। यह विमान अभी भी 38 किमी (125,000 फीट) की ऊंचाई तक पहुंचने का विश्व रिकॉर्ड रखता है। इस रिकॉर्ड को किसी भी विमान ने नहीं तोड़ा है। मिग को रूस के वैज्ञानिक मिकोयान -गुरेविच ने बनाया था। इन्ही वैज्ञानिकों के नाम पर इसका नाम मिग रखा गया। हालांकि भारत में इसे गरुड़ नाम दिया गया। मिग जनरेशन के अपग्रेटेड शक्तिशाली विमान आज भी भारतीय एयरफोर्स के बेड़े में शामिल हैं।