राहुल गांधी, फोटो - मीडिया गैलरी
नई दिल्ली : डॉ भीमराव अंबेडकर की 135वीं जयंती पर देशभर में श्रद्धा और सम्मान के साथ श्रद्धांजलि दी जा रही है। इस अवसर पर कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें याद किया और उनके विचारों को भारत के संविधान और सामाजिक न्याय की नींव बताया।
राहुल गांधी ने सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट साझा करते हुए डॉ भीमराव अंबेडकर को श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने पोस्ट करते हुए लिखा, ‘भारतीय संविधान के शिल्पकार बाबा साहेब डॉ भीमराव अंबेडकर को उनकी जयंती पर नमन।’
राहुल ने आगे लिखा, ‘देश में हर भारतीय को समान अधिकार दिलाने, लोकतंत्र को मजबूत बनाने और हर वर्ग की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए उनका संघर्ष आज भी हमें संविधान की रक्षा की लड़ाई में प्रेरणा देता है।’ राहुल गांधी ने यह भी कहा कि बाबा साहेब का योगदान सिर्फ संविधान निर्माण तक सीमित नहीं था, बल्कि उन्होंने समाज के हर वंचित और पिछड़े वर्ग के हक के लिए पूरी जिंदगी संघर्ष किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी एक्स पर पोस्ट करते हुए बाबा साहेब को नमन किया। उन्होंने लिखा, ‘भारत रत्न पूज्य बाबासाहेब को उनकी जयंती पर कोटि-कोटि नमन। उनके प्रेरणा से ही आज देश सामाजिक न्याय के सपने को साकार करने में पूरी निष्ठा से जुटा है। उनके सिद्धांत और आदर्श आत्मनिर्भर और विकसित भारत के निर्माण को नई गति और मजबूती देंगे।’
डॉ भीमराव अंबेडकर को संविधान निर्माता और दलितों के मसीहा के रूप में जाना जाता है। वे भारत के पहले कानून मंत्री भी रहे। उनका जन्म एक दलित महार परिवार में मध्यप्रदेश में हुआ था। समाज के सबसे वंचित तबकों के अधिकारों की लड़ाई में उन्होंने अपना जीवन समर्पित कर दिया। उन्होंने न केवल शिक्षा को हथियार बनाया, बल्कि सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक समानता के लिए भी संघर्ष किया।
बाबा साहेब की जयंती को देशभर में सार्वजनिक अवकाश के रूप में मनाया जाता है। इस दिन सरकारी दफ्तर, बैंक, और शैक्षणिक संस्थान बंद रहते हैं। जगह-जगह अंबेडकर की प्रतिमाओं पर माल्यार्पण, रैलियों और विचार गोष्ठियों का आयोजन किया जाता है।
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डॉ अंबेडकर का जीवन आज भी करोड़ों लोगों के लिए प्रेरणा है। उनका सपना था एक ऐसा भारत, जहां हर नागरिक को समान अवसर, सम्मान और अधिकार मिले। आज जब देश सामाजिक न्याय और संविधान की मूल भावना की बात करता है, तो बाबा साहेब का नाम स्वाभाविक रूप से सबसे पहले आता है।