PM मोदी करेंगे बाढ़ प्रभावित राज्यों का दौरा
PM Modi Visit Flood Affected Aria: देश के कई हिस्से इस वक्त बाढ़ की विनाशकारी मार झेल रहे हैं, जिससे हालात बदतर हो गए हैं। पंजाब से लेकर दिल्ली तक जल प्रलय का मंजर है। इसी बीच खबर है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जल्द ही बाढ़ प्रभावित राज्यों का दौरा कर स्थिति का जायजा लेंगे। उत्तर भारत में भारी बारिश और बांधों से छोड़े गए पानी ने ऐसी तबाही मचाई है कि लाखों लोग बेघर हो गए हैं और हजारों करोड़ की फसलें बर्बाद हो गई हैं।
प्रधानमंत्री के दौरे की चर्चा से पहले हाल ही में केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी पंजाब के बाढ़ग्रस्त इलाकों का दौरा किया था और प्रभावित किसानों को केंद्र सरकार की ओर से हरसंभव मदद का आश्वासन दिया था। अब प्रधानमंत्री मोदी भी खुद जमीन पर जाकर हालात का मुआयना करेंगे, जिससे राहत और बचाव कार्यों में और तेजी आने की उम्मीद है। यह दौरा इस आपदा की गंभीरता को दर्शाता है, जहां सरकारें स्थिति को नियंत्रित करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही हैं।
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान से दो मीटर ऊपर बह रहा है, जिससे कई इलाकों में बाढ़ का पानी घुस गया है। यमुना के किनारे बसे निचले इलाकों का हाल सबसे बुरा है, लेकिन इस बार पानी उन इलाकों तक भी पहुंच गया है, जहां इसकी आशंका नहीं थी। मयूर विहार, अक्षरधाम और मॉनेस्ट्री मार्केट जैसे इलाके जलमग्न हो गए हैं। हालात इतने गंभीर हैं कि दिल्ली सरकार के मुख्यालय, यानी सचिवालय तक पानी पहुंच चुका है। कई इलाकों में लोगों को बचाने के लिए नावें चलानी पड़ रही हैं। राहत शिविरों में भी पानी भर जाने से लोगों की मुश्किलें और बढ़ गई हैं।
यह भी पढ़ें: कच्छे में पकड़कर कांग्रेस नेता को थाने लाए…बना दिया फुटबॉल; सामने आई क्रूरता तो आगबबूला हो गए थरूर
पंजाब में बाढ़ ने सबसे भयानक तबाही मचाई है। राज्य के सभी 23 जिले बाढ़ की चपेट में हैं और 1900 से अधिक गांव पूरी तरह से पानी में डूब चुके हैं। इस आपदा से लगभग 3.84 लाख लोग सीधे तौर पर प्रभावित हुए हैं। किसानों को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है, क्योंकि करीब डेढ़ लाख हेक्टेयर में लगी फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई है। पौंग बांध के जलग्रहण क्षेत्र में हुई ऐतिहासिक बारिश को इस बाढ़ का मुख्य कारण बताया जा रहा है। सेना, एनडीआरएफ और स्थानीय प्रशासन की टीमें युद्धस्तर पर बचाव कार्य में जुटी हैं और अब तक 20 हजार से ज्यादा लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा चुका है।