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नई दिल्ली : भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम समझौते के बावजूद ऑपरेशन सिंदूर समाप्त नहीं हुआ है। सरकारी सूत्रों ने स्पष्ट किया है कि यह अभियान अब सीमा पार आतंकवाद के प्रति भारत की नई सामान्य नीति बन चुका है। रविवार, 11 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई दिल्ली स्थित अपने आवास पर उच्चस्तरीय सुरक्षा बैठक की अध्यक्षता की।
इस बैठक में विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान, थलसेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी, वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल ए. पी. सिंह और नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश कुमार त्रिपाठी मौजूद थे।
सूत्रों के अनुसार, प्रधानमंत्री ने साफ निर्देश दिए कि पाकिस्तान की ओर से किसी भी प्रकार का दुस्साहस हुआ तो उसे मुंहतोड़ जवाब दिया जाए। उन्होंने सशस्त्र बलों से कहा, “अगर वहां से गोली चलेगी, तो यहां से गोला जाएगा।” प्रधानमंत्री के इस निर्देश के बाद भारतीय सेना की रणनीति और अधिक आक्रामक और स्पष्ट हो गई है।
पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, 7 मई को भारतीय सेना ने पाकिस्तान के कब्जे वाले क्षेत्रों में आतंकी ढांचों पर सटीक हमले किए थे। इसके बाद पाकिस्तान की ओर से भी 26 जगहों पर जवाबी कार्रवाई हुई, लेकिन भारत ने हर हमले का ज़बरदस्त और विनाशकारी जवाब दिया। सूत्रों ने कहा कि भारत की नीति स्पष्ट है। अगर पाकिस्तान गोलीबारी करता है, तो भारत और अधिक बलपूर्वक जवाब देगा। अगर पाकिस्तान रुकेगा, तो भारत भी रुकेगा।
नई दिल्ली अब इस्लामाबाद से केवल सैन्य अभियानों के महानिदेशक (DGMO) स्तर पर ही संवाद करेगी। भारत का यह रुख है कि जब तक पाकिस्तान आतंकवाद को समर्थन देता रहेगा, सिंधु जल संधि जैसे समझौते भी स्थगित रहेंगे। इस बीच अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस के साथ बातचीत में प्रधानमंत्री मोदी ने सख्त शब्दों में कहा कि अगर पाकिस्तान ने फिर कोई कदम उठाया, तो भारत की प्रतिक्रिया पहले से अधिक विनाशकारी होगी।
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने बताया कि भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम समझौता शनिवार शाम 5 बजे से प्रभाव में आ गया था। लेकिन इसके कुछ घंटों बाद ही पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर से लेकर गुजरात तक नियंत्रण रेखा और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर गोलाबारी और ड्रोन गतिविधियों के माध्यम से समझौते का उल्लंघन किया।
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हालांकि रविवार सुबह तक स्थिति नियंत्रण में थी और गोलाबारी रुक गई थी। लेकिन भारतीय सशस्त्र बलों को सतर्क रहने और किसी भी उल्लंघन पर तुरंत और निर्णायक प्रतिक्रिया देने के निर्देश जारी किए गए हैं। सरकार का संदेश स्पष्ट है कि आतंकवाद की कीमत अब पाकिस्तान को चुकानी पड़ेगी, और भारत अब चुप नहीं बैठेने वाला।