
पीएम मोदी। इमेज-एआई
India and Bangladesh: भारत से संबंध बिगाड़ना बांग्लादेश को बहुत भारी पड़ सकता है। खासकर बांग्लादेश की बिजली सप्लाई की सांसें भारत के हाथों में हैं। गैस की भारी कमी, कोयला प्लांट्स मेंटिनेंस की दिक्कतें और बढ़ती खपत ने बांग्लादेश को इस हालत में लाकर खड़ा किया है कि भारत से आने वाली बिजली उसके लिए लाइफलाइन है।
हालात ऐसे हैं कि सप्लाई में हल्की रुकावट आई तो देश का बड़ा हिस्सा अंधेरे में डूब सकता है। खास बात है कि बांग्लादेश को सबसे ज्यादा बिजली सप्लाई भारत की सिर्फ एक कंपनी से मिलती है। वो है-गौतम अदाणी की अदाणी पावर, जो हर दिन 1500 मेगावाट की सप्लाई करती है। ऐसे में भारत के खिलाफ तीखे बयान और राजनीतिक जहर बांग्लादेश को भारी पड़ सकता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक इशारे में अदाणी पावर बिजली सप्लाई बंद कर देगी।
बांग्लादेश सरकार के आंकड़ों के मुताबिक, भारत से बिजली आयात पिछले साल के मुकाबले 70% बढ़ा है। जुलाई तक में यह आयात इतना बढ़ा कि बांग्लादेश की कुल बिजली आपूर्ति में भारत की हिस्सेदारी 9.5% से बढ़कर 17% हो गई। यानी एक दिन में हर 100 यूनिट बिजली में 17 यूनिट बिजली की सप्लाई भारत कर रहा है।
क्रॉस बॉर्डर समझौतों के तहत भारत से बांग्लादेश को 2,800-3,000 मेगावाट तक बिजली आयात करने की क्षमता है। हाल में औसतन 2,200-2,300 MW प्रतिदिन बिजली भारत से ली जा रही है। यह बांग्लादेश की कुल जरूरत का करीब 15-17% बैठता है।
अदाणी पावर सबसे बड़ी सप्लायर है। यह झारखंड के गोड्डा कोयला प्लांट से बिजली सप्लाई करती है। इसके अलावा एनटीपीसी 740 मेगावाट, पीटीसी इंडिया लिमिटेड 250 मेगावाट, सेंबकॉर्प एनर्जी इंडिया लिमिटेड 170-250 मेगावाट बिजली सप्लाई करती है।
यह भी पढ़ें: ‘असम खुद ही बांग्लादेश में शामिल हो सकता है’, CM हिमंता बिस्वा सरमा के दावे से मचा हड़कंप
एक दौर था, जब बांग्लादेश की दो-तिहाई बिजली प्राकृतिक गैस से बनती थी। अब गैस सप्लाई में तकनीकी दिक्कतें और प्रेशर की समस्या सामने है। बांग्लादेश पावर डेवलपमेंट बोर्ड (BPDB) के वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक कई गैस आधारित प्लांट पूरी क्षमता पर चल नहीं पा रहे। इस चलते सरकार को या तो फ्यूल ऑयल पर जाना पड़ रहा या फिर भारत से महंगी, लेकिन भरोसेमंद बिजली मंगानी पड़ रही है।






