प्रतीकात्मक तस्वीर, फोटो- सोशल मीडिया
Jammu and Kashmir: जम्मू-कश्मीर में एनआईए की टीम ने बारामूला, कुलगाम, अनंतनाग और पुलवामा जिलों में तलाशी अभियान चलाया। यह अभियान आतंरिक सुरक्षा को खतरे में डालने वाली संभावित आतंकी गतिविधियों से जुड़ा बताया जा रहा है।
इन छापों के दौरान एजेंसी को कई संदिग्ध दस्तावेज, इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस और वित्तीय लेन-देन से संबंधित कागजात मिले हैं। इनमें से कुछ सामग्री जांच के लिए जब्त की गई है। खासतौर से बारामूला जिले के पट्टन इलाके के जंगम गांव में उमर रशीद लोन के घर पर छापा मारा गया, जो इस मामले में जांच के दायरे में है।
एनआईए की ओर से इस छापेमारी को लेकर अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं जारी किया गया है, लेकिन शुरुआती जानकारी के मुताबिक यह कार्रवाई आतंकी नेटवर्क को बेनकाब करने और उसके सह-साजिशकर्ताओं की पहचान करने के उद्देश्य से की गई है।
यह छापेमारी ऐसे समय पर की गई है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 9 सितंबर को जम्मू-कश्मीर दौरे की संभावना जताई जा रही है। हालांकि पीएम के दौरे को लेकर अभी तक कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। माना जा रहा है कि वे बाढ़ से प्रभावित इलाकों का निरीक्षण कर सकते हैं। ऐसे में आतंकी साजिश से जुड़ी यह कार्रवाई सुरक्षा के लिहाज से और भी अहम मानी जा रही है।
एनआईए पहले भी जम्मू-कश्मीर में कई बार इस तरह की छापेमारी कर चुकी है। हाल ही में जून महीने में एजेंसी ने एक साथ 32 जगहों पर कार्रवाई की थी। उस दौरान शोपियां, कुपवाड़ा, सोपोर और बारामूला के कुछ इलाकों में संदिग्ध तत्वों के खिलाफ जांच की गई थी। इन अभियानों का मकसद जम्मू-कश्मीर में सक्रिय आतंकी संगठनों और उनके नेटवर्क की जड़ तक पहुंचना है।
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एनआईए की यह ताजा कार्रवाई बताती है कि देश की सुरक्षा एजेंसियां आतंकी गतिविधियों को लेकर सतर्क हैं और किसी भी संभावित खतरे को समय रहते निष्क्रिय करने के प्रयास में जुटी हैं। आने वाले दिनों में इस छापेमारी से जुड़ी और जानकारी सामने आ सकती है, जिससे इस पूरे नेटवर्क की गहराई और दिशा का पता चलेगा।