NCERT ने जारी किया 2 खास मॉड्यूल, भारत के विभाजन के लिए कांग्रेस, जिन्ना और माउंटबेन को बताया दोषी (सौजन्य सोशल मीडिया)
New Modules Of NCERT: भारत का बंटवारा 20वीं सदी की सबसे बड़ी राजनीतिक घटना और सबसे गहरी मानवीय त्रासदी के रूप में इतिहास में दर्ज है। 15 अगस्त 1947 को भारत आजाद हुआ, लेकिन इसके साथ ही देश दो हिस्सों में बंट गया, भारत और पाकिस्तान। यह बंटवारा लाखों लोगों के लिए दर्द और विस्थापन की कहानी बन गया। लोगों कि इस पीड़ा और दर्द को आने वाली पीढ़ियों को समझाने के लिए एनसीईआरटी (NCERT) ने एक नया मॉड्यूल जारी किया है। जिससे छात्र पढ़ा समझ सकेंगे कि विभाजन क्यों और कैसे हुआ। साथ ही इसके लिए कौन-कौन जिम्मेदार था।
कक्षा 6 से 8 और कक्षा 9 से 12 के लिए NCERT ने दो नए स्पेशल मॉड्यूल जारी किए हैं। यह मॉड्यूल्स देश के बंटवारे की विभीषिका पर आधारित हैं। जिसमें मोहम्मद अली जिन्ना, कांग्रेस पार्टी और लॉर्ड माउंटबेन को बंटवारे का दोषी बताया गया है।
एनसीईआरटी ने विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस 14 अगस्त पर यह विशेष मॉड्यूल जारी किया था। NCERT के नए मॉड्यूल में बताया गया है कि भारत के बंटवारे कि किसने मांग की थी। इस मांग को किसने स्वीकार किया था और इसे किसने लागू किया था।
नए मॉड्यूल में भारत और पाकिस्तान ने बंटवारे कि लिए यह तीन लोग मुख्य रुप से जिम्मेदार बताए गए हैं। नए मॉड्यूल में बताया गया है कि सबसे पहले मोहम्मद जिन्ना ने अलग देश की मांग। जिसके बाद कांग्रेस पार्टी ने मांग स्वीकार की। देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के नेतृत्व में विभाजन की मांग स्वीकार की गई। मांग स्वीकार होने के बाद लॉर्ड माउंटबेटन ने विभाजन को औपचारिक रूप दिया और लागू किया। NCERT के नए मॉड्यूल में लॉर्ड माउंटबेटन की जल्दबाजी और निर्णयों को भी बंटवारे का जिम्मेदार मानता है।
NCERT के नए मॉड्यूल में यह जानकारी दी गई है कि, देश का विभाजन जरूरी नहीं था। भारत और पाकिस्तान ‘गलत विचारों’ और परिस्थितियों के कारण अलग हुए। साथ ही यह बताया गया है कि कांग्रेस ने देश में गृहयुद्ध और संघर्ष की स्थिति से बचने के लिए विभाजन को स्वीकार किया। इस मॉड्यूल के मुताबिक जवाहर लाल नेहरू ने इसे बहुत ‘खराब परिस्थिति’ के बावजूद ‘गृहयुद्ध की कीमत से बेहतर’ कहा। वहीं, सरदार वल्लभ भाई पटेल ने इसका विरोध किया था, लेकिन बाद में सरदार वल्लभ भाई पटेल ने जल्दीबाजी में ‘कड़वे इलाज’ के रूप इसे स्वीकार किया।
NCERT के नए मॉड्यूल में बताया गया है कि, लॉर्ड माउंटबेटन अंग्रेजों के भारत छोड़ने की प्रक्रिया को तेज करना चाहते थे। यही वजह है कि माउंटबेटन ने पहले जून 1948 की जगह 15 अगस्त 1947 को विभाजन की तारीख तय की। माउंटबेटन नियमबद्धता और जल्दबाजी ने विभाजन में गड़बड़ी और हिंसा बढ़ा दी थी। रेडक्लिफ स्ट्रिप प्लानिंग अधूरी थी जिससे लाखों लोगों को यह समझ ही नहीं आया कि उनका गांव किस देश में चला गया है। NCERT ने इस लापरवाही को स्पष्ट रूप से विभाजन की त्रासदी का कारण बताया।
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एनसीईआरटी के मॉड्यूल के मुताबिक, भारत और पाकिस्तान बांटवारे का असर सिर्फ उसी समय महसूस नहीं किया गया था, बल्कि आज भी हमारी सामाजिक-राजनीतिक अप्रोच में नजर आता है। पाकिस्तान के साथ तनाव, कश्मीर विवाद, डिफेंस की बढ़ती लागत और दो प्रमुख समुदायों के बीच दूरी ये उसी विभाजन की लंबी चोटें हैं, जो आज भी जारी हैं।
बताया जा रहा है कि NCERT के स्पेशल मॉड्यूल रेगुलर सिलेबस का हिस्सा नहीं होते, ये सप्लीमेंट्री मटेरियल होता है, जो बच्चों को समझाने के लिए तैयार किया जाता है।