CM सिद्धारमैया की पत्नी का प्लॉट लौटाने पर भी बवाल
बेंगलुरु: आज भारतीय जनता पार्टी (BJP) की कर्नाटक इकाई के प्रमुख बी वाई विजयेंद्र ने कहा कि राज्य के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया की पत्नी पार्वती बी एम का 14 भूखंडों का स्वामित्व और कब्जा छोड़े जाने का फैसला मैसूरु शहरी विकास प्राधिकरण (एमयूडीए) घोटाले में गलत काम करने को आधिकारिक रूप से स्वीकार करने के ही समान है और इस मामले में मुख्यमंत्री सिद्धरमैया को अब तत्काल इस्तीफा देना चाहिए।
इस बाबत विजयेंद्र ने पार्वती के कदम को एक ‘‘राजनीतिक नाटक” करार दिया और आरोप लगाया कि इसका उद्देश्य ‘‘कानूनी बाधाओं से बचना” है। उन्होंने कहा कि सिद्धरमैया को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।
आज विजयेंद्र ने कहा कि, ‘‘मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने से पहले सिद्धरमैया को राज्यपाल (थावरचंद गहलोत) से भी माफी मांगनी चाहिए, क्योंकि उन्होंने उन पर केंद्र के हाथों की कठपुतली की तरह व्यवहार करने का आरोप लगाया था।”
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वहीं विजयेंद्र ने सामाजिक कार्यकर्ता स्नेहमयी कृष्णा को पर्याप्त पुलिस सुरक्षा प्रदान करने की मांग की जिनकी शिकायत पर लोकायुक्त पुलिस ने सिद्धरमैया, उनकी पत्नी और दो अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी।
जानकारी दें कि बीते सोमवार को ED ने लोकायुक्त की प्राथमिकी का संज्ञान लेते हुए सिद्धरमैया, उनकी पत्नी और कुछ अन्य लोगों के खिलाफ एमयूडीए प्रकरण के संबंध में धन शोधन का मामला दर्ज किया था। संघीय एजेंसी ने मुख्यमंत्री और अन्य के खिलाफ प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट (ECIR) दर्ज की है। ECIR पुलिस की प्राथमिकी के समान होती है। इसके कुछ घंटों बाद पार्वती ने मुडा के आयुक्त को पत्र लिखकर मैसूरु के 14 भूखंडों को वापस करने की पेशकश की है।
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सिद्धरमैया की पत्नी बीएम पार्वती ने पत्र में लिखा,मैं मैसूर में मुडा साजिश से जुड़े आरोपों से बहुत आहत हूं। मेरे भाई बाबू को पारिवारिक विरासत के रूप में मिले इन भूखंडों ने इतना हंगामा खड़ा कर दिया। ये मैंने कभी नहीं सोचा था कि इस मुद्दे की वजह से मेरे पति पर गलत आरोप लग सकते हैं। मेरे लिए, कोई भी घर, प्लॉट या संपत्ति मेरे पति के सम्मान, गरिमा और मन की शांति से ज्यादा बिल्कुल भी महत्वपूर्ण नहीं है। इतने सालों तक सत्ता में रहने के बाद, मैंने कभी-भी अपने या अपने परिवार के लिए कोई व्यक्तिगत लाभ नहीं चाहा। मैंने इस विवाद का केंद्र बने 14 MUDA भूखंडों को वापस करने का फैसला लिया है।’ (एजेंसी इनपुट के साथ)