कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया (सोर्स-सोशल मीडिया)
बेंगलुरु: कर्नाटक मुख्यमंत्री सिद्धारमैया पर इस समय की एक बड़ी खबर का अनुसार यहां MUDA स्कैम केस में CM सिद्धारमैया की याचिका पर आज कर्नाटक हाईकोर्ट में सुनवाई होनी है। हालांकि मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की मुसीबतें फिलहाल बढ़ी ही हुईं हैं। जहां कर्नाटक हाई कोर्ट ने उनके खिलाफ मुडा घोटाले में लोकायुक्त जांच पर लगी रोक तो हटा ली है। लेकिन अब लोकयुक्त भी सिद्धारमैया के खिलाफ घोटाले की जांच शुरू करेगा।
जानकारी दें कि, बीते 15 जनवरी बुधवार को कर्नाटक हाई कोर्ट ने लोकायुक्त को मैसूरु शहरी विकास प्राधिकरण ( MUDA) में मुख्यमंत्री सिद्धरमैया से जुड़े कथित भूखंड आवंटन घोटाले की जांच जारी रखने की अनुमति दे दी थी। वहीं अदालत ने निर्देश दिया था कि जांच की निगरानी लोकायुक्त पुलिस के महानिरीक्षक द्वारा की जाए और भ्रष्टाचार रोधी एजेंसी को अब तक की अपनी जांच के विस्तृत रिकॉर्ड को अदालत में पेश करने के निर्देश दिए थे। लोकायुक्त को अपनी जांच जारी रखने और 27 जनवरी तक अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया।
देश की ख़बरों के लिए यहां क्लिक करें
ऐसा भी दावा किया जा रहा है कि यह सिद्धारमैया के लिए राहत की खबर हो सकती है, क्योंकि लोकायुक्त पुलिस राज्य सरकार के अंडर आती है। वहीं लोकायुक्त की रिपोर्ट आने के बाद ही अब CBI जांच पर फैसला आगे हो सकता है। वहीं इस फैसले से एक बार फिर कर्नाटक की राजनीति में हलचल तेज है।
वहीं बीते 17 जनवरी शुक्रवार को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने इसी मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (MUDA) से जुड़े धनशोधन मामले में लगभग 300 करोड़ रुपये मूल्य की 140 से अधिक अचल संपत्तियां कुर्क की हैं। जिसमें कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया और अन्य भी शामिल हैं। वहीं मुख्यमंत्री सिद्धरमैया से इस मामले में कर्नाटक लोकायुक्त ने पूछताछ की थी। जिसमें मुख्यमंत्री ने बार-बार अपने या अपने परिवार द्वारा किसी भी तरह के गलत काम से इनकार किया है और कहा है कि विपक्ष उनसे ‘‘डरा हुआ” है और ये आरोप राजनीति से प्रेरित हैं।
दिल्ली की ख़बरों के लिए यहां क्लिक करें
गौरतलब है कि MUDA स्कैम केस में आरोप है कि एक दूरदराज गांव में मैसुरु शहरी विकास प्राधिकरण (MUDA) द्वारा तीन एकड़ और 16 गुंटा जमीन अधिग्रहित किये जाने के बदले में मुख्यमंत्री सिद्धरमैया की पत्नी पार्वती को मैसूर के महंगे इलाके में 14 भूखंड दिये गये थे। एक एकड़ 40 गुंटा के बराबर होता है। एजेंसी ने कहा, इस भूमि को मूल रूप से एमयूडीए ने 3,24,700 रुपये में अधिग्रहित किया था। पॉश इलाके में 14 भूखंडों के लिए मुआवजे की कीमत 56 करोड़ रुपये है। आरोप है कि CM सिद्धरमैया ने अपनी पत्नी श्रीमती बीएम पार्वती के नाम पर 14 भूखंडों के लिए मुआवजा दिलाने के सिलसिले में अपने राजनीतिक प्रभाव का इस्तेमाल किया है।
(एजेंसी इनपुट के साथ)