
प्रज्वल रेवन्ना, (फाइल फोटो)
Prajwal Revanna Case: कर्नाटक हाई कोर्ट ने जनता दल सेक्यूलर (JDS) के पूर्व सांसद प्रज्वल रेवन्ना को बड़ा झटका दिया है। कोर्ट ने आज बुधवार को प्रज्वल रेवन्ना की याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें निचली अदालत के आदेश को रद्द करने और अंतरिम जमानत देने की मांग की गई थी। इससे पहले, सीनियर अधिवक्ता सिद्धार्थ लूथरा ने प्रज्वल रेवन्ना की ओर से बहस की थी।
लूथरा ने जस्टिस के. एस. मुदगल और टी. वेंकटेश नाइक की बेंच के समक्ष उम्रकैद के आदेश को चुनौती दी थी। बेंच ने आज आगे की सुनवाई के लिए इस मामले को लिया था।
आज की सुनवाई के दौरान बेंच ने अभियोजन पक्ष के तर्कों को सुना, जिसका नेतृत्व रविवर्मा कुमार ने किया। प्रज्वल रेवन्ना की तरफ से पिछली सुनवाई में सीनियर एडवोकेट सिद्धार्थ लूथरा ने अपील की थी। याचिका में निचली अदालत के आदेश को चुनौती दी गई थी। हाई कोर्ट द्वारा याचिका को खारिज कर दिए जाने के बाद, प्रज्वल रेवन्ना को अपनी जारी कानूनी लड़ाई में एक और बड़ा झटका लगा है। यह फैसला उन पर लगाए गए आरोपों की गंभीरता और कानूनी प्रक्रिया को दर्शाता है।
पिछले महीने प्रज्वल रेवन्ना को दोषी ठहराने वाली एक स्पेशल कोर्ट ने उनके खिलाफ चार यौन शोषण और रेप केस में से एक में उम्रकैद की सजा सुनाई थी और जुर्माना भी लगाया था। MPs/MLAs के लिए स्पेशल कोर्ट के जज संतोष गजानन भट ने उन पर कुल 11.50 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था और कहा था कि इस जुर्माने की रकम में से 11.25 लाख रुपये पीड़ित को दिए जाएंगे।
यह भी पढ़ें: भाजपा को जल्द मिलेगा नया अध्यक्ष, संसद भवन में PM मोदी, अमित शाह और नडड्डा की बैठक; तय हो गई तारीख?
प्रज्वल रेवन्ना, पिछले साल मई में जर्मनी से लौटने के बाद गिरफ्तार किए गए थे। कई वजहों से फैसले को चुनौती दे रहे हैं, जिसमें उनका दावा है कि पीड़िता की गवाही में विरोधाभास है और प्रॉसिक्यूशन द्वारा पेश किए गए सबूतों में भी अंतर है। रेवन्ना को अगस्त में एडिशनल सिटी सिविल एंड सेशंस कोर्ट ने दोषी ठहराया था, जहां जज ने बार-बार सेक्सुअल असॉल्ट, प्राइवेट वीडियो बनाने और सबूत मिटाने का दोषी पाते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई थी।






