मध्यप्रदेश के पंचायती राज मंत्री प्रह्लाद पटेल सोर्स - सोशल मीडिया
भोपाल: पूर्व केन्द्रीय व वर्तमान में मध्य प्रदेश के पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद पटेल अपने विवादित बयान के चलते विपक्ष के निशाने पर आ गए हैं। एक सरकारी कार्यक्रम के दौरान मंत्री पटेल ने जनता की मांगों को ‘भीख’ बताया, जिसके बाद कांग्रेस ने कड़ी प्रतिक्रिया दी। कांग्रेस नेता चंदर सिंह सोंधिया ने मंत्री से सार्वजनिक रूप से माफी की मांग की और इसे भाजपा का अहंकार करार दिया। अब इस बयान पर सियासत गरमा गई है और विरोध प्रदर्शनों के साथ पटेल के खिलाफ पोस्टर तक लगाए जा रहे हैं।
राजगढ़ के सुठालिया में वीरांगना रानी अवंतीबाई लोधी की प्रतिमा अनावरण कार्यक्रम के दौरान मंत्री प्रहलाद पटेल ने कहा कि “लोगों को सरकार से भीख मांगने की आदत पड़ गई है”। उन्होंने मंच से कहा कि नेता आते हैं और उन्हें टोकरी भरकर मांग पत्र पकड़ाए जाते हैं। उन्होंने जनता से आत्मनिर्भर बनने की बात कही और मुफ्त की चीजों के प्रति आकर्षण को समाज के पतन का कारण बताया।
मंत्री के इस बयान के बाद कांग्रेस हमलावर हो गई। प्रदेश महासचिव चंदर सिंह सोंधिया ने इसे भाजपा का अहंकार करार देते हुए कहा कि जनता को चुनावों के समय भगवान बताया जाता है, और अब उन्हें ‘भिखारी’ कहा जा रहा है। कांग्रेस नेता जीतू पटवारी ने भी तीखा वार करते हुए कहा कि यह गरीबों की उम्मीदों और आंसुओं का अपमान है। उन्होंने तंज कसा कि कुछ समय बाद यही भाजपा नेता वोटों की ‘भीख’ मांगने जनता के दरवाजे पर खड़े होंगे।
मंत्री पटेल के बयान के विरोध में इंदौर सहित कई शहरों में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए हैं। इंदौर में “प्रहलाद पटेल माफी मांगो” और “भाजपा का दोहरा चरित्र” जैसे पोस्टर लगाए गए हैं। विपक्ष ने सवाल उठाया कि जब जनता सरकार से अपने अधिकार मांगती है, तो उसे ‘भिखारी’ क्यों कहा जाता है? वहीं, नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने भी मंत्री पटेल से जवाब मांगा कि वे स्पष्ट करें कि किसे ‘भिखारी’ कह रहे हैं।
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मामले के तूल पकड़ने के बावजूद, प्रहलाद पटेल ने अपने बयान पर सफाई देते हुए कहा कि उन्होंने यह बात अपने समाज के बीच कही थी, न कि सरकारी कार्यक्रम में। हालांकि, कांग्रेस ने इसे झूठ करार दिया है और मंत्री से बिना शर्त सार्वजनिक माफी की मांग की है। अब देखना दिलचस्प होगा कि प्रहलाद पटेल अपने बयान पर कायम रहते हैं या बढ़ते विरोध को देखते हुए कदम पीछे खींचते हैं।