प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (सोर्स- सोशल मीडिया)
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने अपने 11 साल पूरे कर लिए हैं। जिसके बाद सरकार और पार्टी नेता और उसके नुमाइंदे लोगों के बीच में जाकर और सोशल मीडिया के माध्यम से पिछले 11 सालों का लेखा-जोखा देते हुए तारीफ में पीठ थपथपा रहे हैं। लेकिन जनता इन 11 सालों में हुए कामों से कितनी खुश है? इस सवाल का जवाब भी अब सामने आ गया है।
इस सवाल का जवाब जानने के लिए सी-वोटर ने एक सर्वे किया है, जिसमें लोगों से पूछा गया है कि वे मोदी सरकार के काम से कितने खुश हैं। सर्वे में ऑपरेशन सिंदूर, राष्ट्रीय सुरक्षा, आतंकवाद के खिलाफ मोदी सरकार की कार्रवाई, महंगाई और बेरोजगारी को खत्म करने के लिए उठाए गए कदमों जैसे मुद्दों पर भी लोगों की राय ली गई है।
इतना ही नहीं सर्वे में यह पूछा पूछा गया कि क्या वे 2029 में भी नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री के तौर पर देखना चाहते हैं? सी वोटर के इस सर्वे का रिजल्ट अब समाने आ गया है। इसमें क्या कुछ निकला? किन मोर्चों पर मोदी सरकार ने अच्छा काम किया कहां मामला ख़राब? रहा चलिए बताते हैं…
सर्वे के मुताबिक, जब लोगों से पूछा गया कि राष्ट्रीय सुरक्षा और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में मोदी सरकार का प्रदर्शन कैसा रहा? 53.9% लोगों ने इसे बेहतरीन बताया, जबकि 13.4% लोगों ने इसे अच्छा, 12% ने औसत और 16.5% लोगों ने इसे खराब बताया। यानी करीब 67% लोगों ने राष्ट्रीय सुरक्षा और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में मोदी सरकार के काम पर संतोष जताया है।
इसी तरह, एक और सवाल में जब जनता से पूछा गया कि क्या मोदी सरकार महंगाई पर काबू पाने में सफल रही है? इसके जवाब में 26% लोगों ने सरकार के प्रयासों को बहुत सफल बताया, जबकि 23.9% लोगों ने इसे कुछ हद तक सफल बताया। 17.6% लोगों ने कहा कि कोई बदलाव नहीं हुआ है, जबकि 5.2% लोगों ने कहा कि सरकार के प्रयास कुछ हद तक कारगर रहे हैं। 24.8% लोगों ने महंगाई पर मोदी सरकार के काम को अप्रभावी बताया है।
बेरोजगारी के मोर्चे पर मोदी सरकार का रिपोर्ट कार्ड क्या है? इसी तरह बेरोजगारी दूर करने के मुद्दे पर 26.3% लोगों ने कहा है कि सरकार के प्रयास काफी कारगर रहे हैं, जबकि 27.9% लोगों ने कहा कि सरकार की नीतियां कुछ हद तक ही कारगर रही हैं। 19.9% लोगों ने सीधे तौर पर कहा कि मोदी सरकार बेरोजगारी दूर करने में कोई बदलाव नहीं ला सकी। 7% ने कहा कि यह कुछ हद तक कारगर रही है और 15% ने कहा कि बेरोजगारी कम करने की मोदी सरकार की नीति अप्रभावी रही है।
सर्वे के नतीजों के मुताबिक, 59.3 फीसदी लोगों ने कहा कि वे 2029 में भी नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री के तौर पर देखना चाहते हैं, जबकि 27.4 फीसदी लोगों ने साफ इनकार कर दिया और 10.3 फीसदी लोगों ने कहा कि यह उनके भविष्य के प्रदर्शन पर निर्भर करेगा कि उन्हें 2029 में इस पद के लिए मौका दिया जाए या नहीं।