नई दिल्ली: आज बजट सत्र के पहले दिन वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा और राज्यसभा में आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया। सदन में आज मानसून सत्र के पहले दिन ही जमकर हंगामा देखने को मिला। जहां विपक्ष की अलग-अलग मांग के सामने जेडीयू की मांग ने एक अलग मोड़ ले लिया। जहां जेडीयू सांसद ने बिहार को विशेष राज्य की दर्जा देने की मांग उठा दी। जिसके बाद वित्त मंत्री के जवाब ने बीजेपी की मन की बात बता दी।
मानसून सत्र के पहले दिन जेडीयू सांसद रामप्रीत मंडल ने बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग उठाई। जिसके बाद इस मांग का जवाब देते हुए वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने कहा कि बिहार अभी राज्य स्पेशल स्टेटस की क्राइटेरिया में फिट नहीं है। वित्त राज्य मंत्री के इस जवाब के बाद बिहार के सत्ता का माहौल गर्म हो गया है। राजद ने तो बिहार सरकार पर निशाना साधना भी शुरू कर दिया है।
बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की लड़ाई नई नहीं है, ये लड़ाई बहुत पुरानी है लेकिन आज तक बिहार सरकार इस लड़ाई को जितने में असफल रही है। हलांकि इस बार के लोकसभा चुनाव के बाद ऐसे कयास लगाए जा रहे थे कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिल जाएगा। इसलिए तो आज मानसून सत्र के पहले दिन ही बिहार के जेडीयू सांसद रामप्रीत मंडल ने विशेष राज्य की मांग उठाई लेकिन उसके बाद वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी के बयान ने 13 करोड़ बिहारी जनता का दिल ही तोड़ दिया।
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वित्त राज्य मंत्री पंकज कुमार ने कहा कि पूर्व में विशेष श्रेणी के दर्जे के लिए बिहार के अनुरोध पर एक अंतर-मंत्रालयी समूह (आईएमजी) द्वारा विचार किया गया था जिसने 2012 में रिपोर्ट सौंपी थी, आईएमजी ने यह निष्कर्ष निकाला था कि मौजूदा एनडीसी मानदंडों के आधार पर बिहार के लिए विशेष श्रेणी के दर्जे का मामला नहीं बनता है।
बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग लंबे समय से उठ रही है। हाल के दिनों में एनडीए में शामिल कई राजनीतिक दलों ने इस मांग का समर्थन किया था कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिलना चाहिए। सोमवार को संसद में जब जेडीयू के रामप्रीत मंडल ने सरकार से सवाल पूछा तो वित्त राज्य मंत्री ने कहा कि बिहार विशेष दर्जे के मानदंडों पर खरा नहीं उतरता।
सबसे पहले विशेष राज्य की मांग को लेकर रामप्रीत मंडल ने सवाल पूछा क्या सरकार के पास आर्थिक विकास और औद्योगिकीकरण को बढ़ावा देने के लिए बाहरी राज्यों और अन्य अत्यंत पिछड़े राज्यों को विशेष राज्य का दर्जा देने की कोई योजना है? अगर हां तो उसका ब्यौरा दें।
रामप्रीत मंडल की मांग का जवाब देते हुए वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने कहा पूर्व में राष्ट्रीय विकास परिषद (एनडीसी) द्वारा योजना सहायता के लिए कुछ राज्यों को विशेष श्रेणी का दर्जा दिया गया था, जिनकी कई विशेषताएं थीं, जिन पर विशेष ध्यान देने की जरूरत थी। इन विशेषताओं में पहाड़ी और कठिन भूभाग, कम आबादी या आदिवासी आबादी का बड़ा अनुपात, पड़ोसी देशों के साथ सीमाओं पर रणनीतिक स्थान, आर्थिक और ढांचागत पिछड़ापन और राज्य के वित्त की अव्यवहारिक प्रकृति शामिल थी।
बिहार की आज की मांग के बाद मामला गर्म हो गया है। हालांकि बजट से ठीक पहले बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की आवाज लगातार उठ रही थी। जहां एनडीए के सहयोगी दलों ने लगातार अपील किया था कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिलना चाहिए। नीतीश कुमार की जेडीयू, जीतन राम मांझी की HAM और चिराग पासवान की LJP ने भी बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग की थी।
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एक तरफ जहां जेडीयू नेता ने कहा कि बिहार को विशेष राज्य की जरूरत है, जबकि HAM ने कहा कि इसके बिना हम विकास नहीं कर पा रहे हैं। हमारे पास संसाधनों की कमी है, इसलिए बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिलना चाहिए. चिराग पासवान की पार्टी के सांसद अरुण भारती ने बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग पर बोलते हुए कहा कि हर हाल में विशेष राज्य का दर्जा दिया जाएगा। अगर नीति आयोग के प्रावधानों में बदलाव की जरूरत होगी तो गठबंधन के नेताओं के साथ बैठक कर चर्चा की जाएगी।
जेडीयू सांसद की मांग के बाद वित्त राज्य मंत्री के जवाब ने सारी बातें बोल दी। जिसके बाद इस मामले में RJD की एंट्री हुई और RJD ने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा कि बिहार को नहीं मिलेगा विशेष राज्य का दर्जा। संसद में मोदी सरकार। नीतीश कुमार और JDU वाले अब आराम से केंद्र में सत्ता का रसास्वादन करते हुए ‘विशेष राज्य के दर्जे’ पर ढोंग की राजनीति करते रहें!
इसके साथ ही इस मामले में तंज कसते हुए आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने भी इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि नीतीश कुमार ने कहा था विशेष राज्य का दर्जा दिलवाएंगे। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस्तीफा दें.हम विशेष राज्य का दर्जा लेकर रहेंगे, केंद्र को देना होगा विशेष राज्य का दर्जा।