भारत-मालदीव के रिश्तों में आएगी मिठास, दिल्ली में जयशंकर ने खलील अब्दुला से अहम मसलों पर की चर्चा
नई दिल्लीः भारत एवं मालदीव के द्वपक्षीय रिश्तों में पिछले साल दरार आ गई थी। इसकी शुरुआत नवंबर में सत्ता परिवर्तन के बाद हुई। भारत के खिलाफ मुहिम चलाकर राष्ट्रपति बने मोहम्मज मुइज्जू ने भारत से अपने सैनिकों को वापिस बुलाने की मांग की गई। हालांकि भारत ने अपने सैनिकों को वापिस बुलाकर विवाद को खत्म कर दिया। इसके बाद दोनों देशों ने एक बार फिर अच्छे रिश्तों की पहल की।
इसी कड़ी में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपने विदेशी समकक्ष से नई दिल्ली में मीटिंग की। इस दौरान भारत और मालदीव ने सीमा पार व्यापार के लिए स्थानीय मुद्राओं के उपयोग को बढ़ावा देने की रूपरेखा को अंतिम रूप दिया। केंद्रीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने आश्वासन दिया कि भारत हमेशा द्वीप राष्ट्र के साथ खड़ा रहेगा।
#WATCH | Delhi: MoUs were exchanged between EAM S Jaishankar & Maldives Foreign Affairs Minister Abdulla Khaleel pic.twitter.com/y94tO2GEAX
— ANI (@ANI) January 3, 2025
अब्दुल्ला खलील के कंधों पर भारत से रिश्ते सुधारने की जिम्मेदारी
दिल्ली में जयशंकर ने मालदीव के अपने समकक्ष अब्दुल्ला खलील से मुलाकात की। मालदीव के विदेश मंत्री गुरुवार से 3 दिवसीय भारत दौरे पर हैं। इस दौरे का उद्देश्य दोनों देशों के बीच समुद्री सुरक्षा, व्यापार और निवेश सहित कई प्रमुख क्षेत्रों में द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के तरीके तलाशना है। इसके साथ ही पिछले साल हुई अनबन से रिश्तों में आई कड़वाहट को खत्म करना है।
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मालदीव के विदेश मंत्री से मिले जयशंकर
जयशंकर ने कहा, “मैंने देखा कि सीमा पार लेनदेन के लिए स्थानीय मुद्राओं के उपयोग को बढ़ावा देने की रूपरेखा पर हस्ताक्षर किए गए हैं। हमने कई क्षेत्रों में अपनी सहभागिता बढ़ाई है और मैं यह कहना चाहूंगा कि भारत हमेशा मालदीव के लिए खड़ा है।” बता दें कि हिंद महासागर क्षेत्र में मालदीव भारत का प्रमुख पड़ोसी देशों में से एक है। रक्षा और सुरक्षा के क्षेत्रों में मालदीव की पिछली सरकार के साथ काफी ज्यादा प्रगति देखी गई थी।