
कर्नाटक में बदला जाएगा CM? शिवकुमार के करीबी विधायकों ने दिल्ली में डाला डेरा, मचा सियासी बवाल!
Karnataka Congress Tussle: कर्नाटक में मुख्यमंत्री सिद्धरमैया और उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार के बीच की सियासी तकरार और बढ़ गई है। बाहर दोनों नेता किसी भी प्रकार के मनमुटाव या टकराव से इनकार करते नजर आ रहे है, लेकिन भीरतखाने दोनों एक-दूसरे की ताकत को कम करने की कोशिश करने में लगे है। इसी बीच शिवकुमार के समर्थक विधायकों का एक और समूह पार्टी के आलाकमान से मुलाकात के लिए दिल्ली पहुंच गया है।
जानकारी के मुताबिक, कम से कम छह विधायक रविवार देर रात दिल्ली पहुंचे। बताया जा रहा है कि शिवकुमार को मुख्यमंत्री बनाने की मांग के समर्थन में जल्द ही कुछ और विधायक भी राजधानी जा सकते हैं। यह पूरा विवाद 2023 में हुए कथित सत्ता-साझेदारी समझौते से जुड़ा है, जिसके मुताबिक सिद्धरमैया को ढाई साल (20 नवंबर तक) मुख्यमंत्री पद संभालना था और इसके बाद पद शिवकुमार को मिलना था।
दिल्ली पहुंचे जिन विधायकों का नाम सामने आया है, उनमें मगदी के एच.सी. बालकृष्ण, मद्दूर के के.एम. उदय, मुदिगेरे की नयना मोटाम्मा, रामनगर के इकबाल हुसैन, होसाकोटे के शरथ बाचेगौड और चन्नागिरी के शिवगंगा बसवराज शामिल हैं।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे फिलहाल बेंगलुरु में हैं और जल्द दिल्ली लौट सकते हैं। वहीं, कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी विदेश यात्रा से वापसी की उम्मीद है। पिछले सप्ताह करीब दस विधायक शिवकुमार के समर्थन में दिल्ली जाकर खरगे से मिल चुके हैं। राज्य की कांग्रेस सरकार ने 20 नवंबर को अपने ढाई साल पूरे किए, हालांकि शिवकुमार ने उस समय कहा था कि उन्हें विधायकों के दिल्ली जाने की जानकारी नहीं है।
शिवकुमार समर्थक विधायकों की सक्रियता बढ़ने के बीच मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने शनिवार को बेंगलुरु में खरगे के आवास पर उनसे लंबी बैठक की। सूत्रों के मुताबिक, सिद्धरमैया मंत्रिमंडल फेरबदल पर जोर दे रहे हैं, जबकि शिवकुमार चाहते हैं कि पार्टी पहले नेतृत्व परिवर्तन पर फैसला करे।
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कई अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि यदि आलाकमान मंत्रिमंडल फेरबदल को मंजूरी देता है, तो इसे सिद्धरमैया के पूरे कार्यकाल तक पद पर बने रहने का संकेत माना जाएगा, जिससे शिवकुमार के मुख्यमंत्री बनने की संभावनाएं कमजोर पड़ सकती हैं।






