CJI BR Gavai: चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) बीआर गवई के सामने कोर्ट में आज एक वकील ने हंगामा करने की कोशिश की। आरोप है कि वकील ने CJI की तरफ जूता फेंकने का प्रयास भी किया। घटना के तुरंत बाद पुलिस ने आरोपी वकील को हिरासत में ले लिया। जब पुलिस उसे बाहर निकाल रही थी, तो वकील ने कथित तौर पर कहा कि सनातन का अपमान नहीं सहेगा हिंदुस्तान।
इस बीच, पूरे घटनाक्रम के दौरान जस्टिस गवई शांत बने रहे और कोर्ट में सुनवाई यथावत जारी रही। पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तुरंत कार्रवाई की और कोर्ट परिसर में सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
इस घटना की जानकारी देते हुए एक वकील ने कहा कि आज की जो घटना है, वह बहुत ही दुखद है। एक कोर्ट में, वो भी वकील ने अगर असॉल्ट करने का प्रयास किया है, तो हम इसकी कड़ी निंदा करते हैं। देखिए, हमारे बार के वो मेंबर हैं। अभी हमने जांच किया और पता चला कि वो 2011 के मेंबर हैं।
वकील ने अपनी प्रतिक्रिया में आगे कहा कि यह बहुत ही दुखद घटना है। इसलिए हम कह सकते हैं कि जो पता चला है, वह लॉर्ड विष्णु के मैटर्स में आया कमेंट था, हॉनरेबल CJI के उसी पर ही उन्होंने ऐसा प्रयास (वकील ने जूता फेंकने का प्रयास) किया है। यह बहुत ही दुखद घटना है। हम इसकी कड़ी निंदा करते हैं और अगर यह घटना सच है, तो एक्शन होना चाहिए।
न्यायमूर्ति बप्पा राव (बीआर) गवई भारत के वर्तमान मुख्य न्यायाधीश (CJI) हैं। उनका जन्म 24 नवंबर 1959 को अमरावती, महाराष्ट्र में हुआ था। वे दलित समाज से आने वाले दूसरे व्यक्ति हैं जिन्होंने देश के सर्वोच्च न्यायिक पद को संभाला है। गवई ने 1984 में वकालत की शुरुआत की और लंबे समय तक नागपुर बेंच तथा बॉम्बे हाईकोर्ट में प्रैक्टिस की। 2003 में वे बॉम्बे हाईकोर्ट के न्यायाधीश बने और इसके बाद वे झारखंड और राजस्थान हाईकोर्ट में भी न्यायाधीश रहे। 2019 में उन्हें सुप्रीम कोर्ट का न्यायाधीश नियुक्त किया गया।
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सीजेआई बीआर गवई को संवैधानिक मामलों, सामाजिक न्याय और हाशिए पर खड़े वर्गों के अधिकारों की रक्षा करने वाले फैसलों के लिए जाना जाता है। वे न्यायपालिका की पारदर्शिता और आम नागरिकों की न्याय तक पहुंच को प्राथमिकता देते हैं। उनके कार्यकाल से यह उम्मीद है कि भारतीय न्याय व्यवस्था और अधिक सशक्त, संवेदनशील और न्यायोन्मुखी बनेगी।