जस्टिस बीआर गवई
नवभारत डेस्क: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने न्यायमूर्ति भूषण रामकृष्ण गवई, जिन्हें बीआर गवई के नाम से जाना जाता है। उनको भारत का अगला मुख्य न्यायाधीश (CJI) नियुक्त किया है। वे 14 मई, 2025 को वर्तमान मुख्य न्यायाधीश के स्थान पर पदभार ग्रहण करेंगे। न्यायमूर्ति गवई भारत के 54वें मुख्य न्यायाधीश होंगे और देश के सर्वोच्च न्यायिक पद पर आसीन होने वाले दूसरे दलित होंगे। उनकी नियुक्ति सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के बीच वरिष्ठता की स्थापित परंपरा के अनुसार की गई है।
वर्तमान में सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के रूप में कार्यरत न्यायमूर्ति गवई को संवैधानिक और नागरिक कानून में उनके योगदान के लिए मान्यता दी गई है। सीजेआई के रूप में उनका कार्यकाल 23 नवंबर, 2025 तक जारी रहने की उम्मीद है।
जस्टिस भूषण रामकृष्ण गवई का जन्म 24 नवंबर 1960 को महाराष्ट्र के अमरावती जिले में हुआ। उन्होंने 16 मार्च 1985 को अपनी वकालत शुरू की। उन्होंने अपने शुरुआती साल में पूर्व महाधिवक्ता और हाईकोर्ट के जज बैरिस्टर राजा एस. भोसले के साथ 1987 तक काम किया। इसके बाद 1987 से 1990 तक बॉम्बे हाई कोर्ट में स्वतंत्र रूप से प्रैक्टिस की।
जस्टिस बीआर गवई 1990 के बाद मुख्य रूप से बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर खंडपीठ में प्रैक्टिस की। इसके बाद नागपुर नगर निगम, अमरावती नगर निगम और अमरावती विश्वविद्यालय के लिए भी वो स्थायी वकील रहे। इसके अलावा, उन्होंने सीकोम, डीसीवीएल जैसी विभिन्न स्वायत्त संस्थाओं, निगमों तथा विदर्भ क्षेत्र की कई नगर परिषदों के लिए नियमित रूप से पैरवी की।
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जस्टिस बीआर गवई अगस्त 1992 से जुलाई 1993 तक बॉम्बे हाई कोर्ट, नागपुर खंडपीठ में सहायक सरकारी अभिभाषक तथा एडिशनल पब्लिक प्रॉसीक्यूटर नियुक्त किया गया। 17 जनवरी 2000 को बीआर गवई नागपुर खंडपीठ के लिए सरकारी अभिभाषक और पब्लिक प्रॉसीक्यूटर नियुक्त किया गया।