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Manju Sharma Resignation: राजस्थान लोक सेवा आयोग (आरपीएससी) की सदस्य डॉ. मंजू शर्मा ने एसआई भर्ती-2021 पेपर लीक मामले में हाईकोर्ट की टिप्पणी के बाद इस्तीफा दे दिया है। डॉ. मंजू शर्मा प्रसिद्ध कवि और आम आदमी पार्टी के पूर्व नेता डॉ. कुमार विश्वास की पत्नी हैं। उन्होंने राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े को अपना इस्तीफा भेज दिया है।
अपने इस्तीफे में उन्होंने लिखा है कि उन्होंने हमेशा पारदर्शिता और ईमानदारी से काम किया है, लेकिन हालिया विवाद से उनकी व्यक्तिगत प्रतिष्ठा और आयोग की गरिमा को ठेस पहुंची है। गौरतलब है कि भर्ती प्रक्रिया में खामियों को लेकर सोशल मीडिया पर उनकी आलोचना हो रही है।
अपने त्यागपत्र में डॉ. मंजू शर्मा ने लिखा कि “मैंने अपना संपूर्ण कार्यकारी एवं निजी जीवन अत्यंत पारदर्शिता एवं ईमानदारी से कार्य करते हुए बिताया है। हाल ही में एक भर्ती प्रक्रिया में उत्पन्न विवाद के कारण मेरी व्यक्तिगत प्रतिष्ठा एवं आयोग की गरिमा को ठेस पहुंची है।
यद्यपि मेरे विरुद्ध किसी भी थाने या जांच एजेंसी में किसी भी प्रकार की कोई जांच लंबित नहीं है। न ही मुझे कभी किसी मामले में आरोपी माना गया है। फिर भी, सार्वजनिक जीवन में सदैव शुचिता की पक्षधर होने के कारण, आयोग की गरिमा, निष्पक्षता एवं पारदर्शिता को सर्वोपरि मानते हुए, मैं स्वेच्छा से आरपीएससी के सदस्य पद से त्यागपत्र दे रही हूं।”
डॉ. मंजू शर्मा को वर्ष 2020 में कांग्रेस सरकार द्वारा राजस्थान लोक सेवा आयोग का सदस्य नियुक्त किया गया था। उन्होंने 15 अक्टूबर 2020 को कार्यभार ग्रहण किया। उनका कार्यकाल 14 अक्टूबर 2026 तक था। त्यागपत्र के साथ ही उनका कार्यकाल समय से पूर्व ही समाप्त हो गया। आरपीएससी सदस्य बनने से पहले, वे भरतपुर राजकीय महाविद्यालय में सहायक प्राध्यापक के पद पर कार्यरत थीं।
हाल ही में, एसआई भर्ती-2021 पेपर लीक मामले की सुनवाई के दौरान राजस्थान हाईकोर्ट ने आयोग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठाए थे। कोर्ट ने अपने आदेश में साफ लिखा था कि रामूराम रायका ने अपनी बेटी शोभा और बेटे देवेश को इंटरव्यू में पास करवाने के लिए आयोग के अध्यक्ष संजय श्रोत्रिय, कार्यवाहक अध्यक्ष जसवंत राठी और तीन सदस्यों संगीता आर्य, मंजू शर्मा और बाबूलाल कटारा से मुलाकात की थी।
कोर्ट के अनुसार, रायका ने अपनी बेटी शोभा रायका की फोटो दिखाकर उसे पास करवाने की सिफारिश की थी। इसके बाद शोभा वही कपड़े पहनकर इंटरव्यू में पहुंच गई जो फोटो में दिखाए गए थे। इस पूरी टिप्पणी ने आयोग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए।
डॉ. मंजू शर्मा ने अपने इस्तीफे में भले ही साफ कर दिया हो कि उनके खिलाफ किसी भी जांच एजेंसी या पुलिस थाने में कोई मामला दर्ज नहीं है, लेकिन हाईकोर्ट की टिप्पणी ने उन्हें सीधे विवादों में ला दिया। उन्होंने कहा कि व्यक्तिगत रूप से उनकी ईमानदारी और पारदर्शिता पर कोई सवाल नहीं है, लेकिन उन्होंने आयोग की गरिमा बनाए रखने के लिए पद छोड़ना उचित समझा।
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अपने इस्तीफे में उन्होंने कहा कि सार्वजनिक जीवन में पारदर्शिता और शुचिता सर्वोपरि है और पद पर बने रहने से आयोग की छवि पर असर पड़ सकता था। इसलिए उन्होंने स्वेच्छा से पद छोड़ने का फैसला किया। डॉ. मंजू शर्मा का इस्तीफा ऐसे समय में आया है जब आरपीएससी पहले से ही कई भर्तियों में अनियमितताओं और पेपर लीक मामलों को लेकर विवादों में घिरा हुआ है।