सांकेतिक तस्वीर (सोर्स- सोशल मीडिया)
Rajasthan News: राजस्थान में बीजेपी सरकार ने विधानसभा सत्र से पहले कुछ संशोधनों के साथ ‘राजस्थान विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध विधेयक-2025’ को मंजूरी दे दी। इस विधेयक के नए मसौदे में जबरन धर्म परिवर्तन के खिलाफ कड़े प्रावधान शामिल हैं, जिनमें दोषियों को आजीवन कारावास तक की सजा का प्रावधान है।
इस विधेयक में ‘घर वापसी’ यानी मूल धर्म में वापसी को धर्म परिवर्तन की परिभाषा से बाहर रखा गया है। सरकार इस विधेयक को सोमवार से शुरू हो रहे विधानसभा सत्र में पेश करने को तैयार है। संख्याबल के लिहाज से देखा जाए तो इस बिल का पारित होना भी लगभग तय है।
राजस्थान विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध विधेयक-2025 में बलपूर्वक, कपटपूर्ण तरीके से या विवाह के माध्यम से धर्मांतरण कराने वालों के लिए 7 वर्ष से लेकर आजीवन कारावास और लाखों रुपये के जुर्माने का प्रावधान है। इसके अलावा, सामूहिक धर्मांतरण के मामलों में 20 वर्ष से लेकर आजीवन कारावास तक की सज़ा और 25 लाख रुपये तक के जुर्माने का प्रस्ताव है।
राजस्थान विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध विधेयक-2025 आगामी विधानसभा सत्र में सदन में पेश किया जाएगा। राज्य मंत्रिमंडल ने इस विधेयक के मसौदे को अपनी मंज़ूरी दे दी है, जिससे अवैध धर्मांतरण के विरुद्ध सख्त कार्रवाई को और मज़बूत करने की उम्मीद है।
विधि एवं विधिक कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने कहा कि ‘राजस्थान विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध विधेयक-2025’ का मुख्य उद्देश्य मिथ्या निरूपण, धोखाधड़ी, बल, अनुचित प्रभाव या प्रलोभन के माध्यम से किए गए धर्मांतरण को रोकना है। उन्होंने स्पष्ट किया कि इस कानून के प्रावधान मूल धर्म में वापसी यानी ‘घर वापसी’ पर लागू नहीं होंगे। नए कानून के तहत, विवाह के माध्यम से जबरन धर्म परिवर्तन को अवैध घोषित कर शून्य माना जाएगा।
प्रस्तावित ‘राजस्थान विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध विधेयक-2025’ के तहत, अवैध धर्मांतरण को संज्ञेय और गैर-जमानती अपराध की श्रेणी में रखा गया है। इस विधेयक में अवैध रूप से धर्मांतरण कराने वालों के लिए न्यूनतम 7 वर्ष से अधिकतम 14 वर्ष तक की सजा और कम से कम 5 लाख रुपये के जुर्माने का प्रावधान है।
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वहीं, यदि यह अपराध किसी नाबालिग, दिव्यांग, महिला या एससी-एसटी वर्ग के विरुद्ध किया जाता है, तो न्यूनतम 10 वर्ष से अधिकतम 20 वर्ष तक की सजा और 10 लाख रुपये तक के जुर्माने का प्रस्ताव किया गया है। यह विधेयक अवैध धर्मांतरण के खिलाफ सख्त कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए तैयार किया गया है।