गायत्री मंत्र का जाप उचित समय पर करें
Gayatri Mantra: सनातन धर्म शास्त्रों में सभी मंत्रों में गायत्री मंत्र को बहुत ही शक्तिशाली और प्रभावशाली मंत्र माना गया है। कहा जाता है कि जो भी व्यक्ति गायत्री मंत्र का उच्चारण करता है। उसका जीवन सुखमय हो जाता है।
गायत्री मंत्र को हिंदू धर्म शास्त्रों में महामंत्र कहा जाता है। यदि प्रतिदिन गायत्री मंत्र का जप किया जाए, तो सभी कष्ट दूर हो जाते हैं, और जीवन में सफलता और सुख समृद्धि आती है।
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ज्योतिषयों के अनुसार, हालांकि गायत्री मंत्र का जाप करने के कुछ नियम भी हैं, जिनका ध्यान रखना बेहद जरूरी है। आइए जानते है गायत्री मंत्र के लाभ और इससे जुड़े नियमों के बारे में…
गायत्री मंत्र जाप का समय
ऊँ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात्।।
ज्योतिष-शास्त्र के अनुसार, गायत्री मंत्र का जाप तीन समय में करने पर ज्यादा असरदार माना जाता है। गायत्री मंत्र जाप का पहला समय सूर्योदय से थोड़ी देर पहले शुरू होकर सूर्योदय के थोड़ी देर बाद तक कर का है। दोपहर के समय में भी गायत्री मंत्र का जाप किया जा सकता है। जबकि, तीसरा समय सूर्यास्त से ठीक पहले का है। यह जाप सूर्यास्त से पहले शुरू कर सूर्यास्त के थोड़ी देर बाद तक करें।
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ज्योतिषयों का मानना है कि, प्रातः काल बिस्तर से उठने के बाद सभी नित्य कर्मों से मुक्त होने के पश्चात 108 बार गायत्री मंत्र का उच्चारण करना चाहिए। सूर्योदय के समय घर के पूजा स्थल या किसी अन्य शुद्ध जगह पर बैठकर तीन माला या 108 बार गायत्री मंत्र का जप करना शुभ होता है।
मान्यता है कि ऐसा करने से वर्तमान के साथ-साथ भविष्य में भी इच्छा पूर्ति के साथ आपकी रक्षा होती है। इसके साथ ही यह भी मान्यता है कि भोजन करने से पहले 3 बार गायत्री मंत्र का उच्चारण करने से भोजन अमृत के समान हो जाता है।
यदि किसी कार्य से घर से बाहर जा रहे हैं, तो घर से निकलते समय 5 या 11 बार गायत्री मंत्र का जाप करना चाहिए। ऐसा करने से समृद्धि सफलता सिद्धि प्राप्त होती है।
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जानिए गायत्री मंत्र जाप के फायदे
धार्मिक मान्यता है कि, विद्यार्थियों के लिए गायत्री मंत्र बहुत लाभदायक है। मान्यता है कि रोजाना इस मंत्र का 108 बार जाप करने से विद्यार्थी को सभी प्रकार की विद्या प्राप्त करने में आसानी होती है। पढ़ाई में मन लगने लगता है और एक बार में ही पढ़ा हुआ सब याद हो जाता है।
कहा जाता है कि गायत्री मंत्र के जाप से दुख और दरिद्रता का भी नाश होता है और संतान की प्राप्ति होती है। जो भी जातक गायत्री मंत्र का नियमित रूप से जाप करता है, उसकी त्वचा में स्वतः ही चमक आने लगती है। साथ ही क्रोध शांत होता है और दिव्य ज्ञान की प्राप्ति होती है।