
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे (फोटो- सोशल मीडिया)
Congress Remark on Karnataka Political Crisis: कर्नाटक की राजनीति में मची उथल-पुथल अब अपने चरम पर पहुंच गई है। क्या राज्य को नया मुख्यमंत्री मिलने वाला है? कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने आखिरकार इस सस्पेंस पर अपनी चुप्पी तोड़ दी है। उन्होंने साफ संकेत दिया है कि अगले 48 घंटे बेहद अहम होने वाले हैं। खरगे ने पुष्टि की है कि वह सोनिया गांधी और राहुल गांधी के साथ मिलकर इस संकट का समाधान निकालेंगे। एक दिसंबर तक तस्वीर पूरी तरह साफ हो जाएगी।
कांग्रेस अध्यक्ष ने स्पष्ट किया है कि वह सोनिया जी और राहुल जी से चर्चा करने के बाद ही कोई अंतिम निर्णय लेंगे। सूत्रों के मुताबिक, अगले 48 घंटों में दिल्ली में एक अहम बैठक तय की जाएगी, जिसके बाद मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार को तलब किया जाएगा। यह हलचल तब तेज हुई है जब सरकार के ढाई साल पूरे हो चुके हैं और 2023 में हुए कथित सत्ता साझेदारी समझौते की चर्चा जोरों पर है।
डीके शिवकुमार ने मीडिया के सामने खुलकर बोलने से इनकार करते हुए कहा कि यह चार-पांच लोगों के बीच का एक गुप्त समझौता है और उन्हें अपनी अंतरात्मा पर भरोसा है। हालांकि, उनके समर्थक विधायक दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं। विधायक इकबाल हुसैन ने दावा किया है कि खरगे ने उनकी बात सहानुभूति से सुनी है और 200 प्रतिशत डीके शिवकुमार ही जल्द मुख्यमंत्री बनेंगे। उनका कहना है कि ढाई साल का समय खत्म हो चुका है, इसलिए अब बदलाव जरूरी है और डीके गुट ने पार्टी आलाकमान को अर्जी भी दे दी है।
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दूसरी तरफ सिद्धारमैया गुट भी सक्रिय है। मंत्री सतीश जारकीहोली ने कहा कि मुख्यमंत्री भी जल्द ही खरगे से मिलेंगे ताकि स्थिति स्पष्ट हो सके। वहीं, डीके शिवकुमार ने बेंगलुरु में कहा कि उनका कोई अलग गुट नहीं है, सिर्फ एक ही गुट है और वह है कांग्रेस। उन्होंने कहा कि हम पार्टी के मुद्दों पर मीडिया में नहीं, बल्कि चारदीवारी के अंदर चर्चा करेंगे। इस बीच, गृह मंत्री जी परमेश्वर का नाम भी चर्चा में आया है, जिसे लेकर जारकीहोली ने कहा कि दावा करने में कुछ गलत नहीं है, लेकिन अंतिम फैसला दिल्ली में ही होगा।






