Jhansi Fire
झांसी: उत्तर प्रदेश के झांसी मेडिकल कॉलेज के चाइल्ड वार्ड (NICU- Neonatal Intensive Care Unit) में अचानक भीषण आग लग गई। इस हादसे में अब तक 10 बच्चों के मौत की खबर आ रही है। वहीं, अस्पताल में भर्ती 37 बच्चों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है।
घटना के बाद खिड़की तोड़कर वार्ड में फंसे बच्चों को बाहर निकाला जा रहा है। घटना की सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस प्रशासन के अधिकारी और फायर बिग्रेड की टीमें मोके पर मौजूद हैं। फिलहाल आग लगने के कारण का पता नहीं चल पाया है और रेस्क्यू टीम बचाव कार्य में जुटी हुई है। लेकिन सवाल यह उठता है कि आखिर इन 10 मासूमों की मौत का जिम्मेदार कौन है?
झांसी जिलाधिकारी अविनाश कुमार ने इस मामले में जानकारी देते हुए बताया कि रात करीब साढ़े 10 बजे मेडिकल कॉलेज के कर्मचारियों ने आग लगने की सूचना दी है। उन्होंने कहा कि नीकू वार्ड में दो यूनिट होते हैं, जिसमें अंदर की तरफ क्रिटिकल बच्चों तथा बाहर की तरफ कम क्रिटिकल बच्चों को रखा जाता है। उन्होंने कहा कि अंदर वाले यूनिट में संभवत: शॉर्ट सर्किट से आग लगी है। लेकिन सवाल यह उठता है कि इतने बड़े अस्पताल में ऐसी लापरवाही का जिम्मेदार कौन है, जिसमें 10 मासूमों की जान चली जाए।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने झांसी मेडिकल कॉलेज में आग लगने की घटना का संज्ञान लिया है। इस घटना में घायल बच्चों के शोक संतप्त परिजनों के प्रति उन्होंने अपनी संवेदना व्यक्त की है। मुख्यमंत्री ने जिम्मेदार अधिकारियों और फायर ब्रिग्रेड को राहत और बचाव कार्य में तेजी लाने और घायलों के लिए उचित इलाज की व्यवस्था का आदेश दिए हैं। इसके साथ ही सीएम योगी ने घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना की है।
मिली जानकारी के अनुसार, सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर यूपी के डिप्टी सीएम बृजेश पाठक और प्रमुख स्वास्थ्य सचिव झांसी के लिए रवाना हो गए हैं। वहीं, कमिश्नर और डीआईजी को बारह घंटे के भीतर हादसे की जांच कर सीएम को रिपोर्ट सौंपने का भी निर्देश दिया गया है। मेडिकल कॉलेज के चाइल्ड वार्ड में अचानक लगी भीषण आग के बाद मौके पर पहुंची एक दर्जन से ज्यादा दमकल की गाड़ियों की मदद से आग पर काबू पाया गया।