
नीतीश कुमार की पार्टी ने अरविंद केजरीवाल को दिया जवाब
नई दिल्ली: जनता दल (यूनाईटेड) ने शुक्रवार को आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक अरविंद केजरीवाल पर पलटवार किया है। पार्टी ने अनुसूचित जाति, अन्य पिछड़ा वर्ग और पूर्वांचलियों के लिए उनकी प्रतिबद्धता पर सवाल उठाए। जद (यू) के कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा ने केजरीवाल को लिखे एक पत्र में कहा कि उनकी पार्टी सहित राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) परिवार का हर सदस्य समाज के हर वर्ग को साथ लेकर विकसित भारत की ओर तेजी से कूच कर रहा है। लेकिन देश की प्रगति और लोगों की खुशी एक वर्ग को नागवार गुजर रही है। उन्होंने दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री से कहा कि मेरा आग्रह है कि देश की प्रगति के प्रति दुराग्रह छोड़िए, सकारात्मक सोचिए। इस देश का संविधान बहुत मजबूत है।
संजय झा ने केजरीवाल को यह पत्र उनके उस पत्र के जवाब में लिखा है, जिसमें उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से संविधान निर्माता बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर के बारे में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की टिप्पणी पर गहराई से विचार करने का अनुरोध किया था। केजरीवाल ने ‘एक्स’ पर पत्र साझा करते हुए कहा था कि लोगों को लगता है कि जो लोग आंबेडकर से प्यार करते हैं वे उस भाजपा का समर्थन नहीं कर सकते जिसने भारत के संविधान के निर्माता का ‘अपमान’ किया।
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केजरीवाल ने नीतीश कुमार से इस पर गंभीरता से विचार करने को कहा था। झा ने इसके जवाब में केजरीवाल पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्हें इस बात का दर्द है कि अमित शाह ने उच्च सदन में इंडिया गठबंधन के नेता राहुल गांधी, उनकी पार्टी और उनके परिवार की कलई खोल दी थी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने जहां बार-बार बाबा साहेब को अपमानित किया वहीं जद (यू) के अध्यक्ष नीतीश कुमार उनके आदर्शों पर चलते रहे। झा ने कहा, ‘‘नीतीश कुमार ने बाबा साहेब के पदचिह्नों पर चलते हुए बिहार में दलित और पिछड़ों के लिए जो किया, आप और आपके गठबंधन के नेता राहुल गांधी उसे करने की कल्पना भी नहीं कर सकते।
राज्यसभा के सांसद संजय झा ने केजरीवाल को याद दिलाया कि 2014 में जब नीतीश कुमार ने बिहार के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया था तब उन्होंने महादलित समाज से आने वाले जीतनराम मांझी को मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बिठाया था जबकि उन्होंने जब इस्तीफा दिया तो उन्हें कोई दलित, इस पद के लायक नहीं मिला। उन्होंने कहा कि पंजाब में दलितों की आबादी सबसे अधिक है लेकिन वहां भी मुख्यमंत्री चुनते वक्त उन्हें कोई दलित याद नहीं आया जबकि 2017 के पंजाब चुनाव में उन्होंने दलित को उपमुख्यमंत्री बनाने का वादा किया था।






