जनरल उपेन्द्र द्विवेदी व जगद्गुरु रामभद्राचार्य (सोर्स- सोशल मीडिया)
चित्रकूट: सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने तुलसी पीठ आश्रम में जगद्गुरु रामभद्राचार्य से राम मंत्र की दीक्षा ली। यह क्षण धार्मिक आस्था और राष्ट्रप्रेम का अनूठा संगम बन गया। लेकिन दीक्षा के बाद रामभद्राचार्य ने जनरल द्विवेदी से अप्रत्याशित दक्षिणा की मांग कर दी। उन्होंने कहा, ‘दक्षिणा में मुझे पीओके चाहिए।’
जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने बताया कि उन्होंने सेना प्रमुख को वही राम मंत्र दिया, जो माता सीता ने भगवान हनुमान को दिया था और जिसकी शक्ति से हनुमान ने लंका पर विजय प्राप्त की थी। उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा, ‘मैंने उनसे दक्षिणा में मांग की है कि मुझे पीओके यानी पाक अधिकृत कश्मीर जरूर चाहिए।’
मध्य प्रदेश के चित्रकूट स्थित तुलसी पीठ आश्रम में उस समय एक विशेष और प्रेरक क्षण देखने को मिला, जब भारतीय सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने जगद्गुरु रामभद्राचार्य से राम मंत्र की दीक्षा ली। जनरल द्विवेदी और संत रामभद्राचार्य के बीच गुरु-शिष्य संबंध अब न केवल आध्यात्मिक बल्कि राष्ट्रीय चेतना का भी प्रतीक बन चुके हैं।
जगद्गुरु रामभद्राचार्य और सेना प्रमुख जनरल के बीच यह धार्मिक अनुष्ठान उस समय एक अनोखे और देशभक्तिपूर्ण संवाद में बदल गया, जब जगद्गुरु ने दीक्षा के बाद दक्षिणा में पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) की मांग की। इस अवसर पर जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने कहा, ‘मैंने सेना प्रमुख को वही राम मंत्र दिया है, जो माता सीता ने भगवान हनुमान को दिया था, जिस मंत्र ने हनुमान को लंका पर विजय प्राप्त करने की शक्ति दी थी।’
#WATCH | Madhya Pradesh | On Chief of Army Staff General Upendra Dwivedi visiting his Ashram in Chitrakoot yesterday, Spiritual Leader Jagadguru Rambhadracharya says, “I gave him the same Diksha (initiation) with the Ram Mantra which Lord Hanuman had received from Maa Sita and… pic.twitter.com/C7Sc3sDTUb
— ANI (@ANI) May 29, 2025
उन्होंने मुस्कुराते हुए आगे कहा, ‘मैंने उनसे दक्षिणा मांगी है, मुझे पीओके चाहिए।’ यह संवाद प्रतीकात्मक था, लेकिन इसमें गहरी राष्ट्रीय भावना झलक रही थी। एक ओर आध्यात्मिक शक्ति का आह्वान था, तो दूसरी ओर भारत की भूमि आकांक्षा का स्पष्ट संकेत था। यह मुलाकात अब महज धार्मिक अनुष्ठान नहीं रह गई है, बल्कि राष्ट्रीय संकल्प और आत्मविश्वास का प्रतीक बन गई है।
इस दौरान जगद्गुरु ने साफ शब्दों में कहा, ‘अगर पाकिस्तान भविष्य में किसी आतंकी घटना को अंजाम देने की कोशिश करता है तो उसका समूल नाश कर दिया जाएगा।’ जगद्गुरु ने यह भी बताया कि सेना प्रमुख ने वही राम मंत्र स्वीकार किया है, जो कभी सीता माता ने लंका पर विजय के लिए हनुमान जी को दिया था। यह दीक्षा महज एक आध्यात्मिक अनुष्ठान नहीं था, बल्कि इसमें भारत की सामरिक शक्ति और धार्मिक आस्था का गहरा संगम देखने को मिला।
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भारतीय थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी का चित्रकूट स्थित तुलसी पीठ आश्रम का दौरा आध्यात्मिक यात्रा तक सीमित नहीं रहा, बल्कि समाज सेवा और देशभक्ति से भी गहराई से जुड़ा रहा। जनरल द्विवेदी ने जगद्गुरु रामभद्राचार्य स्मृति चिह्न भी भेंट करते हुए उन्हें भारत की आध्यात्मिक और सामाजिक शक्ति का प्रतीक बताया।