एनएसए अजीत डोभाल और चीनी विदेश मंत्री वांग यी (फोटो सोर्स - सोशल मीडिया)
नई दिल्ली: भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम के ऐलान के बाद चीन इस मामले में खुलकर पाकिस्तान के पक्ष में नजर आता दिखाई दे रहा है। लेकिन जब चीनी विदेश मंत्री ने भारत से संपर्क किया तो उन्हें भारत की ओर से बेहद साफ और दो टूक जबाव दिया गया। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने चीन को बताया कि भारत युद्ध नहीं चाहता, लेकिन आतंकवादी हमले के बाद जवाबी कार्रवाई जरूरी है। उन्होंने यह भी कहा कि युद्ध किसी के भी हित में नहीं है और भारत क्षेत्रीय शांति की बहाली चाहता है, मगर आतंक के खिलाफ सख्ती से खड़ा रहेगा।
भारत और चीन के इस संवाद में साफ हुआ कि भारत की प्राथमिकता शांति है, लेकिन यदि देशवासियों की सुरक्षा पर खतरा मंडराएगा तो वह पीछे नहीं हटेगा। बातचीत के दौरान चीन ने पहलगाम आतंकी हमले की निंदा करते हुए कहा कि वह सभी प्रकार के आतंकवाद का विरोध करता है। चीन ने उम्मीद जताई कि भारत और पाकिस्तान संयम बरतेंगे और परामर्श के जरिए मतभेदों को सुलझाएंगे।
Chinese Foreign Minister Wang Yi had a phone conversation with Indian National Security Advisor Doval
As per Chinese Foreign Ministry, “Doval said that the Pahalgam terrorist attack caused serious casualties among Indian personnel and that India needed to take counter-terrorism… pic.twitter.com/38ZyFkHrTN
— ANI (@ANI) May 10, 2025
चीन ने माना भारत का रुख सही
चीन ने भारत की ओर से शांति बनाए रखने की इच्छा को सराहा और कहा कि भारत और पाकिस्तान ऐसे पड़ोसी हैं जिन्हें नकारा नहीं जा सकता। इसीलिए दोनों को परस्पर संवाद और समझदारी के रास्ते पर चलना होगा।
पाकिस्तान को भी चीन का समर्थन
इससे पहले चीन ने पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री से बात की थी और उसे संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के मुद्दे पर पूरा समर्थन देने का भरोसा दिलाया था। लेकिन भारत के कड़े रुख के बाद चीन ने संतुलन साधने की कोशिश की और दोनों देशों से शांति बनाए रखने की अपील की। भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से चीन के विदेश मंत्री ने फोन पर बातचीत करी थी।